सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 41वीं वाहिनी की सी कंपनी, पानीटंकी के जवानों ने एक 16 वर्षीय नाबालिग युवती को मानव तस्करी गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया। इस मामले में एक आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है। पकड़े गए आरोपी का नाम कुद्दुस अली (30) है, जो उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत तिल माइल गोयाबारी धरमगछ का निवासी बताया गया है। वहीं, पीड़ित नाबालिग भी उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा थाना क्षेत्र की ही रहने वाली है।
एसएसबी सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पता चला कि शनिवार रात नाबालिग को तस्करी के उद्देश्य से पानीटंकी स्थित पुराने ब्रिज के रास्ते नेपाल ले जाया जा रहा था। इसी दौरान सीमा पर तैनात एसएसबी की बीआईटी टीम ने दोनों को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी कभी नाबालिग को नेपाल के बिर्तामोड़ स्थित एक आंख अस्पताल ले जाने की बात कह रहा था, तो कभी अलग-अलग बहाने बना रहा था।
इसके बाद एसएसबी ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए नाबालिग और गिरफ्तार आरोपी को खोरीबाड़ी थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर रविवार को उसे सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी 17 अगस्त 2025 को भारत-नेपाल सीमा पर तैनात इसी सी कंपनी, पानीटंकी के जवानों ने एक 16 वर्षीय नाबालिग युवती को मानव तस्करी से बचाया था। वहीं, 1 अगस्त को भी इसी कंपनी के जवानों ने सात युवतियों को तस्करी से मुक्त कराया था, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल थी। उस मामले में एसएसबी ने दो तस्करों — जापान गुरुंग और दीपेश गुरुंग — को गिरफ्तार किया था। जापान गुरुंग नेपाल का निवासी था, जबकि दीपेश गुरुंग नक्सलबाड़ी थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया गया था। दोनों तस्कर सातों युवतियों को पासपोर्ट बनवाकर हांगकांग भेजने की योजना में थे, जिसे एसएसबी ने विफल कर दिया।
इसके अलावा, 22 जुलाई को भी इसी सीमा क्षेत्र से जवानों ने एक 16 वर्षीय नाबालिग को मानव तस्करी से बचाया था। उस मामले में भी एसएसबी ने नेपाली नागरिक मां-बेटे को हिरासत में लिया था, जो जबरन उस नाबालिग को नेपाल से भारत के अरुणाचल प्रदेश ले जा रहे थे। समय रहते एसएसबी ने दोनों को पकड़ लिया और नाबालिग को सुरक्षित बचा लिया।
