राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज शहर के लोहारपट्टी स्थित शिव शक्ति धाम दुर्गा मंदिर में 9 दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य श्री अमन शास्त्री जी महाराज ने राम-सीता विवाह का सुंदर वर्णन किया। इस दौरान कथा वाचक ने बताया कि जनकपुर के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था, जिसमें सीता के भावी पति का चयन होना था। इस स्वयंवर में भगवान शिव का धनुष रखा गया था, जिसे उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने वाला ही सीता का वर बन सकता था।
जब श्रीराम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई, तो वह टूट गया। यह देखकर राजा जनक ने श्रीराम को माता सीता का वर घोषित किया। इसके पश्चात श्रीराम और माता सीता का विवाह भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। विवाह अवसर पर अयोध्या के राजा दशरथ अपने पूरे परिवार के साथ जनकपुर पहुंचे। श्रीराम और माता सीता ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई तथा अग्नि के समक्ष सात फेरे लिए।
विवाह के बाद श्रीराम और माता सीता अयोध्या लौटे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। कथा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु कथा स्थल पर उपस्थित रहे और राम-सीता विवाह का भावपूर्ण वर्णन सुना। आचार्य श्री अमन शास्त्री जी महाराज के मधुर वाणी में विवाह प्रसंग सुनकर पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हुए आचार्य श्री अमन शास्त्री जी महाराज के प्रति आभार व्यक्त किया।
