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परिवार नियोजन: बेहतर भविष्य के लिए स्थायी एवं अस्थायी साधनों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

प्रखंड स्तरीय परिवार नियोजन सेवाओं को मजबूत करने और संसाधनों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ठाकुरगंज में फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एफपी-एलएमआईएस) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के स्वास्थ्यकर्मियों को आधुनिक ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से परिवार नियोजन साधनों की मांग–आपूर्ति एवं अनुश्रवण प्रक्रिया में दक्ष बनाया गया। प्रशिक्षण के दौरान पीएसआई श्रीनाथ साहा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अखलाकुर रहमान, बीएचएम, बीसीएम, आशा फैसिलिटेटर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

आधुनिक प्रणाली से सेवाओं में आएगी मजबूती

प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि परिवार नियोजन के लिए 12 प्रकार के स्थायी एवं अस्थायी साधन उपलब्ध हैं, जिनमें कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, माला-एन, आईयूडी सहित अन्य सामग्रियां शामिल हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अखलाकुर रहमान ने कहा कि एफपी-एलएमआईएस के माध्यम से केंद्र स्तर से लेकर सबसे निचली इकाई तक संसाधनों की सटीक जानकारी और समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। यह प्रशिक्षण परिवार नियोजन सेवाओं को और मजबूती प्रदान करता है।

एफपी-एलएमआईएस समय की मांग

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता प्रखंड से लेकर ग्राम स्तर तक लगातार बनी रहनी चाहिए। एफपी-एलएमआईएस जैसी ऑनलाइन प्रणाली समय की आवश्यकता है, जो मांग और आपूर्ति को संतुलित रखते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। स्वास्थ्यकर्मियों को इसका सही प्रशिक्षण मिलने से सेवाएं और अधिक प्रभावी होंगी।

जिला पदाधिकारी का जोर — परिवार नियोजन है स्वस्थ समाज की नींव

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने जनसंख्या नियंत्रण के साथ स्वस्थ समाज के निर्माण में परिवार नियोजन की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि परिवार नियोजन केवल संसाधनों की उपलब्धता नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक कर सुरक्षित और योजनाबद्ध जीवनशैली अपनाने का माध्यम है। आधुनिक तकनीक के जरिए सेवाओं की निगरानी और सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे सभी दंपतियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार साधन प्राप्त हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण और संसाधनों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

अनुश्रवण प्रक्रिया होगी सरल, सेवाएं होंगी गुणवत्तापूर्ण

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनजिम ने कहा कि एफपी-एलएमआईएस से मांग, भंडारण और आपूर्ति की हर गतिविधि ऑनलाइन दर्ज होगी, जिससे स्टॉक अंतर का पता तुरंत चल सकेगा। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि किसी भी केंद्र पर संसाधनों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। पीएसआई श्रीनाथ साहा ने प्रशिक्षण सत्र में लॉजिस्टिक प्रबंधन और अनुश्रवण से संबंधित तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

स्वस्थ और योजनाबद्ध समाज की दिशा में मजबूत कदम

कार्यक्रम के अंत में यह सहमति बनी कि स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता-वृद्धि, संसाधनों की उपलब्धता और समुदाय में जागरूकता — ये तीनों मिलकर परिवार नियोजन सेवाओं को व्यवहारिक रूप से मजबूत बनाएंगे। प्रशिक्षण में यह भी रेखांकित किया गया कि सामुदायिक स्तर पर संसाधनों की नियमित उपलब्धता से दंपति अपनी आवश्यकता और सुविधा के अनुसार साधनों का चयन कर सकेंगे, जिससे प्रजनन दर में कमी और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।

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