सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
वर्ष 2025 अपने उम्र के आखिरी पड़ाव पर है
तमाम उम्र गुजार दी है इसने
बस अब बची हुई है कुछ चंद साँसे
बचे हुए हैं कुछ लम्हें।
हाँ! बहुत बूढ़ा हो चला यह वर्ष।
अब यह विश्राम चाहता है ।
कुछ जिम्मेदारिययाँ, कुछ दर्द, कुछ खुशी,
ढोते-ढोते अब यह थक चुका है।
यह जा रहा है हमें छोड़कर अपने
अवसान की ओर।
साथ ले जा रहा है तमाम निराशाएं,
समस्त तकलीफें, तमाम नाउम्मीदें,
छोड़ जा रहा है उम्मीद की
एक नयी किरण, एक नयी ऊर्जा,
एक नयी आशा के साथ,अपने पद चिन्ह।
एक नये हौसलों को उड़ान देने के लिए,
उदय हो रहा है वर्ष 2026
उम्मीद करते हैं इस वर्ष में
सबकी अधूरी इच्छाएं, आकांक्षाएं
जरूर पूर्ण होंगी इस वर्ष
वह स्वप्निल, सुनहरे सपने
जो अधूरे रह गये 2025 में,
वह उदय होते इस नवीन वर्ष 2026 के साथ
धीरे-धीरे पूर्ण होंगे
और उम्मीदों के वृक्ष पर
सफलता के पुष्प जरूर खिलेंगे।
पर कुछ दर्द, कुछ घाव ,कुछ टीस
जो जाते हुए वर्ष से मिलीं हैं,
वो शायद ताउम्र साथ रहे।
खैर …
बिंदु अग्रवाल शिक्षिका
मध्य विद्यालय गलगलिया
किशनगंज बिहार
