विशेषः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। विक्रम संवतः- 2080 शक संवतः- 1945 आयनः- दक्षिणायन ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु मासः- ज्येष्ठ माह पक्षः- शुक्ल पक्ष तिथिः-द्वादशी तिथि 11:45:00 बजे तक तदोपरान्त त्रयोदशी तिथि तिथि स्वामीः- द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं। नक्षत्रः- स्वाति नक्षत्र 07:00:00 तक तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र नक्षत्र स्वामीः- स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु देव हैं तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं। योगः- वरियन 18:59:07 तक तदोपरान्त परिघा
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 01:46:00A.M से 03:28:00A.M तक दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। राहुकालः- आज का राहु काल 06:55:00 A.M से 08:38:00A.M तक तिथि का महत्वः- द्वादशी तिथि में मसूर नहीं खाना चाहिए यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ है। “हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
सूर्योदय:– प्रातः 05:14:00
सूर्यास्त :– सायं 06:44:00
विशेषः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। विक्रम संवतः- 2080 शक संवतः- 1945 आयनः- दक्षिणायन ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु मासः- ज्येष्ठ माह पक्षः- शुक्ल पक्ष तिथिः-द्वादशी तिथि 11:45:00 बजे तक तदोपरान्त त्रयोदशी तिथि तिथि स्वामीः- द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं। नक्षत्रः- स्वाति नक्षत्र 07:00:00 तक तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र नक्षत्र स्वामीः- स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु देव हैं तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं। योगः- वरियन 18:59:07 तक तदोपरान्त परिघा
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 01:46:00A.M से 03:28:00A.M तक दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। राहुकालः- आज का राहु काल 06:55:00 A.M से 08:38:00A.M तक तिथि का महत्वः- द्वादशी तिथि में मसूर नहीं खाना चाहिए यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ है। “हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
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