सारस न्यूज, वेब डेस्क।
🗓️ दिन का आधार
- दिन/वार: सोमवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- मास: पौष (शुक्ल पक्ष)
- ऋतु: शिशिर (सर्दी का मौसम)
🌙 पंचांग के पाँच अंग
📌 तिथि
- शुक्ल द्वितीया: सुबह 10:50-10:52 बजे तक
- तृतीया: उसके बाद दिन के बाकी हिस्से में
👉 तिथि चन्द्रमा की स्थिति के अनुसार बदलती है।
🌌 नक्षत्र
- उत्तराषाढा: आज पूरा दिन (लगभग रात तक)
- इसके बाद श्रवण नक्षत्र अगले दिन से प्रारंभ
👉 नक्षत्र चन्द्रमा-स्थिति दर्शाता है।
☯️ योग
- ध्रुव योग: सुबह से 16:40-16:41 तक (शुभ माना जाता है)
- उसके बाद व्याघात योग कल तक रहेगा (कुछ कार्यों में बाधा देता है)
🔢 करण
- कौलव करण: सुबह तिथि बदलने तक
- तैतिल करण: दिन के बाकी हिस्से में
👉 करण भी शुभ/अशुभ कार्यों के समय के निर्धारण में उपयोगी है।
🌅 सूर्य-चन्द्र सम्बन्ध
- सूर्य राशि: धनु
- चन्द्र राशि: सुबह तक धनु, फिर मकर लगना संभव
- चन्द्रोदय: सुबह समय लगभग 08:29–09:45
- चन्द्रास्त: शाम लगभग 18:50–19:12
👉 समय में थोड़ा भिन्नता हो सकती है स्थान के हिसाब से।
🌞 सूर्योदय एवं सूर्यास्त
- सूर्योदय: लगभग 07:10 बजे
- सूर्यास्त: लगभग 05:29 बजे
👉 यह समय लगभग उत्तर भारत के हिसाब से है।
⏱️ शुभ और अशुभ समय
✅ शुभ समय (मुहूर्त)
- अभिजीत मुहूर्त: लगभग 11:58 — 12:40 (दोपहर) — शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय
❌ अशुभ समय
- राहुकाल: लगभग 08:28 — 09:45 सुबह — इस समय शुभ कार्य टालें
अन्य उदाहरणों में विडाल योग जैसे कुछ समय भी माना जा सकता है अशुभ-शिवाय (ये अलग स्रोतों में विवरण मिलता है)
🌿 अन्य महत्वपूर्ण बातें
- आज सोमवार है — भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलों, बेलपत्र आदि से की जाती है।
- तिथि द्वितीया से तृतीया में बदल रही है — दोनों का महत्व अलग-अलग शुभ कार्यों के लिए होता है।
