सारस न्यूज, वेब डेस्क।
📅 सामान्य विवरण
- तारीख: 27 दिसंबर 2025 ई.
- वार: शनिवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
- मास: पौष
- पक्ष: शुक्ल
- ऋतु: शिशिर (सर्दी ऋतु)
- अयन: दक्षिणायण (सूर्य दक्षिण की ओर गतिमान)
🌙 मुख्य पंचांगीय घटक
🗓️ तिथि
- पौष शुक्ल सप्तमी — सुबह से 01:10 बजे तक
- उसके पश्चात अष्टमी तिथि प्रारंभ
⭐ नक्षत्र
- पूर्वभाद्रपद नक्षत्र – सुबह तक
- तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद नक्षत्र
☀️ योग
- व्यतिपात योग – दोपहर तक
- तत्पश्चात वरीयान योग (कुछ पंचांग में उल्लेख)
📏 करण
- वणिजा करण – सुबह से 01:10 बजे तक
- विष्टि / बव आदि – तत्पश्चात
☀️ सूर्य एवं चंद्र स्थिति
- चंद्र राशि: मीन (Pisces)
- सूर्य राशि: धनु (लग्न समय के अनुसार)
🕰️ समय संबंधी जानकारी
🌞 सूर्योदय / सूर्यास्त
- सूर्योदय: लगभग 07:10 – 07:16 बजे
- सूर्यास्त: लगभग 17:27 – 17:32 बजे
🕐 राहुकाल (अशुभ काल)
- 09:49 – 11:05 बजे (लगभग)
🕑 अभिजीत मुहूर्त (शुभ समय)
- लगभग 12:01 – 12:42 बजे
📌 विवरणात्मक पंचांग अंग
- तिथि: शुक्ल सप्तमी → अष्टमी
- नक्षत्र: पूर्वभाद्रपद → उत्तरभाद्रपद
- योग: व्यतिपात
- करण: वणिजा
- वार: शनिवार
- चंद्र राशि: मीन
- राहुकाल: 09:49 – 11:05
- शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त ~12:01 – 12:42
📜 धार्मिक और ज्योतिषीय टिपण्णियाँ
- आज मंडला पूजा व्रत रखने का विधान है, खासकर दक्षिण भारत में विघ्नहर्ता अय्यप्पा से जुड़ा पर्व माना जाता है।
- दिन त्रिपुष्कर और अन्य शुभ योगों का संयोग भी बनता है, जिससे पूजा-पाठ, धार्मिक कार्य, दान आदि में लाभकारी फल मिलने की मान्यता है।
🗓️ उपयोगी सलाह
- राहुकाल के दौरान कोई बड़ा निर्णय या शुभ कार्य न करें।
- अभिजीत मुहूर्त को शुभ कार्य, यात्रा, पूजा आदि के लिए अनुकूल माना जाता है।
- सप्तमी से अष्टमी के परिवर्तन काल (दोपहर 01:10 बजे के आस-पास) पर विशेष ध्यान दें कि कार्य उस तिथि में शुरू हो।
