सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तिथि: चैत्र शुक्ल पक्ष दशमी
वार: सोमवार
ऋतु: वसंत
चंद्र राशि: कर्क
नक्षत्र: पुनर्वसु (रात्रि में परिवर्तन संभव)
सूर्य, चंद्र और दिन का समय
- सूर्योदय: सुबह 06:04 बजे
- सूर्यास्त: शाम 06:42 बजे
- चंद्रोदय: दोपहर 01:46 बजे
- चंद्रास्त: रात 03:35 बजे
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:33 से 05:19 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:20 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:41 से 07:04 तक
- निशिता मुहूर्त: रात 12:00 से 12:45 तक
अशुभ समय (Ashubh Muhurat)
- राहुकाल: शाम 07:39 से 09:14 तक
- गुलिक काल: दोपहर 01:58 से 03:33 तक
- दिशा शूल: पूर्व दिशा – इस दिशा में यात्रा से बचें या यात्रा से पहले दही या घी खाकर निकलें
चन्द्रबल (राशियों के लिए शुभ चंद्र स्थिति)
- चन्द्रबल शुभ राशि: वृषभ, कर्क, कन्या, तुला
ताराबल (नक्षत्र के अनुसार शुभ नक्षत्र)
- शुभ नक्षत्र:
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी,
चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
धार्मिक महत्व – सोमवार व्रत
धार्मिक मान्यता:
सोमवार व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे मनचाहा वर या वधु प्राप्त होता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। यह दिन शिव उपासना और रुद्राभिषेक के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है।
शिव पूजन के विशेष मंत्र
1. शिव मूल मंत्र:
ॐ नमः शिवाय।
2. रूद्र मंत्र:
ॐ नमो भगवते रूद्राय।
3. रूद्र गायत्री मंत्र:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
4. महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
5. शिव प्रार्थना मंत्र:
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्।
विहितं अविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
6. शिव नमस्कार मंत्र:
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च।
नमः शिवाय च शिवतराय च॥
7. ईशान स्तुति मंत्र:
ईशानः सर्वविध्यानां ईश्वरः सर्वभूतानां।
ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिर्ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
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