सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
📅 दिनांक, वार और संवत
- तिथि: ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, त्रयोदशी (सुबह 09:36 बजे तक), उसके बाद चतुर्दशी
- वार: सोमवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
🌟 विशेष योग और नक्षत्र
- योग: शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग
- नक्षत्र: विशाखा (सुबह तक), फिर अनुराधा
- ये सभी योग अत्यंत शुभ माने जाते हैं और नये कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम होते हैं।
🕰️ शुभ मुहूर्त व राहुकाल
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:53 बजे से 12:48 बजे तक
- राहुकाल: प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक
- शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम है। राहुकाल में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए।
🌞 सूर्य-चंद्र ग्रह स्थिति
- सूर्य की स्थिति: वृषभ राशि में (उत्तरायण)
- चंद्रमा की स्थिति: सुबह 08:50 बजे तक तुला राशि में, फिर वृश्चिक राशि में प्रवेश
📌 पंचांग सारांश
विवरण | जानकारी |
---|---|
तिथि | त्रयोदशी (सुबह 09:36 बजे तक), फिर चतुर्दशी |
वार | सोमवार |
योग | शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग |
नक्षत्र | विशाखा → अनुराधा |
राहुकाल | 07:30 AM – 09:00 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 11:53 AM – 12:48 PM |
सूर्य राशि | वृषभ |
चंद्र राशि | तुला (सुबह तक), फिर वृश्चिक |
🛑 क्या करें, क्या न करें
- ❌ राहुकाल में कोई भी नया कार्य शुरू न करें।
- ✅ शिव, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ उठाकर पूजा, निवेश, कार्यारंभ या यात्रा जैसे कार्य कर सकते हैं।
- ✅ वाहन चलाते समय सावधानी रखें, विशेषकर चंद्रमा के वृश्चिक राशि में जाने के बाद।
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