📅 राष्ट्रीय तिथि: 16 अक्टूबर 2025, दिन — गुरुवार 🗓️ विक्रम संवत: 2082, शक संवत 1947 🌙 मास: कार्तिक माह, कृष्ण पक्ष 🕉️ तिथि: दशमी तिथि — रात्रि 11:52 तक, तत्पश्चात एकादशी प्रारंभ 🌅 सूर्योदय: प्रातः 06:01 बजे 🌇 सूर्यास्त: सायं 05:30 बजे 🌕 चंद्रोदय: रात्रि 02:18 बजे (अगले दिन) 🌖 चंद्रास्त: दोपहर 03:10 बजे 🌙 चंद्र राशि: सिंह ☀️ सूर्य राशि: तुला 📍 नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र — प्रातः 09:44 बजे तक, तत्पश्चात आश्लेषा नक्षत्र आरंभ ⏰ योग: सुकर्मा योग — रात्रि 12:31 बजे तक, तत्पश्चात धृति योग प्रारंभ 🕒 करण: वणिज — सुबह 11:52 बजे तक, तत्पश्चात विष्टि करण प्रारंभ
🔯 शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त — 04:25 से 05:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त — 11:43 से 12:28 बजे तक
विजय मुहूर्त — 02:00 से 02:45 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त — 05:20 से 05:40 बजे तक
☸️ राहुकाल: दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक (इस समय कोई नया कार्य शुरू न करें) 🕉️ गुलिक काल: प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक ☠️ यमगंड काल: प्रातः 06:00 से 07:30 बजे तक 💫 अभ्यांग स्नान का समय: नहीं (सामान्य दिन)
🪔 दिशा शूल: दक्षिण दिशा — इस दिशा में यात्रा से पहले गुड़ खाकर जल पिएं 🌾 शुभ कार्य: गृह प्रवेश, भूमि पूजन, वाहन क्रय, विवाह चर्चा एवं धन निवेश के लिए शुभ 🚫 अशुभ कार्य: न्यायालय संबंधी कार्य या यात्रा आरंभ करना वर्जित
🛐 आज का पर्व एवं व्रत:
दशमी तिथि (पितृ पक्ष का विशेष महत्व)
भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की आराधना शुभफलदायक
आज दान-पुण्य से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होगी
🙏 दैनिक उपाय: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को पीले पुष्प और चने की दाल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें। इससे कार्य सिद्धि होगी, भाग्य प्रबल होगा और पारिवारिक कलह समाप्त होंगे।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
📅 राष्ट्रीय तिथि: 16 अक्टूबर 2025, दिन — गुरुवार 🗓️ विक्रम संवत: 2082, शक संवत 1947 🌙 मास: कार्तिक माह, कृष्ण पक्ष 🕉️ तिथि: दशमी तिथि — रात्रि 11:52 तक, तत्पश्चात एकादशी प्रारंभ 🌅 सूर्योदय: प्रातः 06:01 बजे 🌇 सूर्यास्त: सायं 05:30 बजे 🌕 चंद्रोदय: रात्रि 02:18 बजे (अगले दिन) 🌖 चंद्रास्त: दोपहर 03:10 बजे 🌙 चंद्र राशि: सिंह ☀️ सूर्य राशि: तुला 📍 नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र — प्रातः 09:44 बजे तक, तत्पश्चात आश्लेषा नक्षत्र आरंभ ⏰ योग: सुकर्मा योग — रात्रि 12:31 बजे तक, तत्पश्चात धृति योग प्रारंभ 🕒 करण: वणिज — सुबह 11:52 बजे तक, तत्पश्चात विष्टि करण प्रारंभ
🔯 शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त — 04:25 से 05:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त — 11:43 से 12:28 बजे तक
विजय मुहूर्त — 02:00 से 02:45 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त — 05:20 से 05:40 बजे तक
☸️ राहुकाल: दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक (इस समय कोई नया कार्य शुरू न करें) 🕉️ गुलिक काल: प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक ☠️ यमगंड काल: प्रातः 06:00 से 07:30 बजे तक 💫 अभ्यांग स्नान का समय: नहीं (सामान्य दिन)
🪔 दिशा शूल: दक्षिण दिशा — इस दिशा में यात्रा से पहले गुड़ खाकर जल पिएं 🌾 शुभ कार्य: गृह प्रवेश, भूमि पूजन, वाहन क्रय, विवाह चर्चा एवं धन निवेश के लिए शुभ 🚫 अशुभ कार्य: न्यायालय संबंधी कार्य या यात्रा आरंभ करना वर्जित
🛐 आज का पर्व एवं व्रत:
दशमी तिथि (पितृ पक्ष का विशेष महत्व)
भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की आराधना शुभफलदायक
आज दान-पुण्य से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होगी
🙏 दैनिक उपाय: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को पीले पुष्प और चने की दाल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें। इससे कार्य सिद्धि होगी, भाग्य प्रबल होगा और पारिवारिक कलह समाप्त होंगे।
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