तिथि: कृष्ण पक्ष चतुर्थी, रात्रि 10:09 बजे तक, इसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा।
नक्षत्र: स्वाती, शाम 5:52 बजे तक, तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र होगा।
योग: व्याघात, शाम 4:44 बजे तक, इसके बाद हर्ष योग होगा।
करण: बव
सूर्य और चंद्रमा का समय:
सूर्योदय: सुबह 6:47 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:48 बजे
चंद्रोदय: रात 7:45 बजे
चंद्रास्त: सुबह 7:16 बजे
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:23 बजे से 1:11 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:11 बजे से 5:59 बजे तक
अशुभ काल:
राहुकाल: दोपहर 3:27 बजे से शाम 4:57 बजे तक
यमगंड: दोपहर 2:18 बजे से 3:48 बजे तक
गुलिक काल: सुबह 6:47 बजे से 8:17 बजे तक
दुर्मुहूर्त: सुबह 6:47 बजे से 7:35 बजे तक और 7:35 बजे से 8:23 बजे तक
वर्ज्य काल: शाम 6:18 बजे से 8:05 बजे तक
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
आज के पंचांग के अनुसार, शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त का समय उपयुक्त रहेगा। राहुकाल, यमगंड, गुलिक काल, दुर्मुहूर्त और वर्ज्य काल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए। दिशाशूल उत्तर दिशा में होने के कारण, यात्रा करते समय इस दिशा से बचना लाभकारी होगा।
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सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
विक्रम संवत: 2081 पिङ्गल
शक संवत: 1946 क्रोधी
मास: चैत्र (पूर्णिमान्त)
तिथि: कृष्ण पक्ष चतुर्थी, रात्रि 10:09 बजे तक, इसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा।
नक्षत्र: स्वाती, शाम 5:52 बजे तक, तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र होगा।
योग: व्याघात, शाम 4:44 बजे तक, इसके बाद हर्ष योग होगा।
करण: बव
सूर्य और चंद्रमा का समय:
सूर्योदय: सुबह 6:47 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:48 बजे
चंद्रोदय: रात 7:45 बजे
चंद्रास्त: सुबह 7:16 बजे
शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:23 बजे से 1:11 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:11 बजे से 5:59 बजे तक
अशुभ काल:
राहुकाल: दोपहर 3:27 बजे से शाम 4:57 बजे तक
यमगंड: दोपहर 2:18 बजे से 3:48 बजे तक
गुलिक काल: सुबह 6:47 बजे से 8:17 बजे तक
दुर्मुहूर्त: सुबह 6:47 बजे से 7:35 बजे तक और 7:35 बजे से 8:23 बजे तक
वर्ज्य काल: शाम 6:18 बजे से 8:05 बजे तक
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
आज के पंचांग के अनुसार, शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त का समय उपयुक्त रहेगा। राहुकाल, यमगंड, गुलिक काल, दुर्मुहूर्त और वर्ज्य काल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए। दिशाशूल उत्तर दिशा में होने के कारण, यात्रा करते समय इस दिशा से बचना लाभकारी होगा।
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