राष्ट्रीय तिथि: 21 सितंबर 2025 हिन्दू तिथि: भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अमावस्या विक्रम संवत: 2082 शक संवत: 1947 वार: रविवार
🌞 सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: प्रातः 5:33 बजे
सूर्यास्त: सायं 5:44 बजे
🌙 चंद्र विवरण
चंद्रमा: कन्या राशि में
नक्षत्र: पूर्व फाल्गुनी
🕉️ योग और करण
योग: अमला योग, सर्वार्थ सिद्धि योग
करण: नाग करण
⏳ राहुकाल और अन्य काल
राहुकाल: शाम 4:30 बजे से 6:00 बजे तक
गुलिक काल: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
यमगण्ड काल: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:45 बजे से 12:33 बजे तक
🙏 विशेष
आज सर्वपितृ अमावस्या है – पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।
आज सूर्य ग्रहण का भी संयोग है।
✅ आज का उपाय
🌿 पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएँ। 🌿 तिल, पुष्प, जल एवं पिंडदान द्वारा पितरों का तर्पण करें। 🌞 प्रातः सूर्यदेव को जल अर्पित करें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। 🙏 इससे पितृदोष शांत होगा, स्वास्थ्य में सुधार होगा और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
राष्ट्रीय तिथि: 21 सितंबर 2025 हिन्दू तिथि: भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अमावस्या विक्रम संवत: 2082 शक संवत: 1947 वार: रविवार
🌞 सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: प्रातः 5:33 बजे
सूर्यास्त: सायं 5:44 बजे
🌙 चंद्र विवरण
चंद्रमा: कन्या राशि में
नक्षत्र: पूर्व फाल्गुनी
🕉️ योग और करण
योग: अमला योग, सर्वार्थ सिद्धि योग
करण: नाग करण
⏳ राहुकाल और अन्य काल
राहुकाल: शाम 4:30 बजे से 6:00 बजे तक
गुलिक काल: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
यमगण्ड काल: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:45 बजे से 12:33 बजे तक
🙏 विशेष
आज सर्वपितृ अमावस्या है – पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।
आज सूर्य ग्रहण का भी संयोग है।
✅ आज का उपाय
🌿 पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएँ। 🌿 तिल, पुष्प, जल एवं पिंडदान द्वारा पितरों का तर्पण करें। 🌞 प्रातः सूर्यदेव को जल अर्पित करें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। 🙏 इससे पितृदोष शांत होगा, स्वास्थ्य में सुधार होगा और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
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