यह तिथि वर्षा ऋतु में हरियाली और प्रकृति के संरक्षण का प्रतीक है।
इस दिन वृक्षारोपण, शिव-पार्वती पूजन और पीपल/तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।
कई स्थानों पर झूले, मेलों और हरियाली उत्सवों का आयोजन होता है।
✅ आज का दैनिक उपाय
“आज अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें। इससे पारिवारिक कष्टों का निवारण होगा और पितृ दोष की शांति भी मानी जाती है।”
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
🕉️ विवरण
तिथि: अमावस्या – 07:11 PM तक, इसके बाद प्रतिपदा
वार: गुरुवार
मास: श्रावण (कृष्ण पक्ष)
सूर्य नक्षत्र: पुनर्वसु – 06:12 PM तक, फिर पुष्य
सूर्य राशि: कर्क
चंद्र राशि: कर्क – 05:18 PM तक, फिर सिंह
योग: वज्र – 06:32 AM तक, फिर सिद्धि
करण: नागव – 07:11 PM तक, फिर किंस्तुघ्न
🌅 सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 05:23 AM
सूर्यास्त: 06:57 PM
🔴 राहुकाल (अशुभ समय)
दोपहर 01:43 PM से 03:21 PM तक
🟢 शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM – 12:53 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 04:00 AM – 04:42 AM
गोधूलि मुहूर्त: 06:50 PM – 07:14 PM
अमृत काल: 11:45 AM – 01:23 PM
विजय मुहूर्त: 02:39 PM – 03:34 PM
🌿 विशेष तथ्य – हरियाली अमावस्या
यह तिथि वर्षा ऋतु में हरियाली और प्रकृति के संरक्षण का प्रतीक है।
इस दिन वृक्षारोपण, शिव-पार्वती पूजन और पीपल/तुलसी पूजा का विशेष महत्व है।
कई स्थानों पर झूले, मेलों और हरियाली उत्सवों का आयोजन होता है।
✅ आज का दैनिक उपाय
“आज अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें। इससे पारिवारिक कष्टों का निवारण होगा और पितृ दोष की शांति भी मानी जाती है।”
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