सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तिथि:
- अष्टमी (शुक्ल पक्ष) – दोपहर 15:42 तक
- इसके बाद नवमी प्रारंभ
विक्रम संवत:
- 2081
शक संवत:
- 1947
अयन:
- उत्तरायण (सूर्य का उत्तर दिशा की ओर गति)
मास:
- चैत्र (विक्रम संवत के अनुसार हिंदू कैलेंडर का पहला महीना)
पक्ष:
- शुक्ल पक्ष (उज्जवल पक्ष, जो अमावस्या से पूर्णिमा की ओर जाता है)
वार:
- मंगलवार (हनुमान जी का दिन)
नक्षत्र:
- मृगशिरा – सुबह 13:27 तक
- इसके बाद आद्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा
योग:
- शूल – रात 20:49 तक
- इसके बाद गंड योग प्रारंभ होगा
करण:
- विष्टि – दोपहर 15:42 तक
- इसके बाद बव करण प्रारंभ होगा
सूर्योदय:
- 06:18 बजे
सूर्यास्त:
- 18:28 बजे
चंद्रमा की स्थिति:
- मिथुन राशि में
राहु काल:
- 15:30 से 17:00 तक (इस दौरान शुभ कार्य न करें)
अभिजीत मुहूर्त:
- 12:00 से 12:50 तक (दिन का शुभ समय)
दिशा शूल:
- आज उत्तर दिशा की यात्रा करना वर्जित है। अगर यात्रा अत्यावश्यक हो, तो गुड़ खाकर यात्रा करें।
गुलिक काल:
- 12:00 से 13:30 तक
यम गण्ड:
- 09:00 से 10:30 तक
अमृत काल:
- 09:20 से 10:58 तक (इस समय शुभ कार्य कर सकते हैं)
विशेष:
- नवरात्रि का आठवां दिन है, माँ सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व है।
- अष्टमी तिथि को कन्या पूजन भी किया जाता है, नवमी के साथ मिलकर इसे दुर्गा अष्टमी और महा नवमी के रूप में भी मनाया जाता है।
आज के दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल उत्तम माने जाते हैं।
Leave a Reply