सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
हिन्दू पंचांग विवरण:
- तिथि: त्रयोदशी (शुक्ल पक्ष)
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 25 मार्च 2025 को 01:17 PM से हुआ और इसका समापन 26 मार्च 2025 को 03:21 PM पर होगा। - वार: बुधवार
बुधवार को भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन बुध ग्रह से संबंधित कार्य करना शुभ होता है। - माह: चैत्र मास
चैत्र महीना हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का पहला महीना होता है। इस महीने को नवरात्रि, चैत्र पूर्णिमा और राम नवमी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों के लिए जाना जाता है। - सूर्योदय: 06:18 AM
सूर्यास्त: 06:34 PM - चंद्रोदय: 04:58 PM
चंद्रास्त: 05:12 AM (27 मार्च) - नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का आरंभ 25 मार्च 2025 को 08:39 PM पर हुआ और इसका समापन 26 मार्च 2025 को 10:52 PM पर होगा। यह नक्षत्र प्रेम, विवाह और नए संबंधों के लिए शुभ माना जाता है। - योग: शोभन
शोभन योग का आरंभ 25 मार्च 2025 को 10:29 PM से हुआ और यह 26 मार्च 2025 को 11:21 PM तक रहेगा। यह योग मंगलकारी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। - करण: वणिज
वणिज करण का समय 26 मार्च 2025 को 01:37 PM तक रहेगा, इसके बाद विष्टि करण प्रारंभ होगा। वणिज करण व्यापार और आर्थिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
ऋतु: वसंत ऋतु
अयन: उत्तरायण
पक्ष: शुक्ल पक्ष
दैनिक मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त: 11:57 AM से 12:46 PM
यह मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ समय होता है। - विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM
विजय मुहूर्त का समय विजय प्राप्त करने के लिए और कठिन कार्यों में सफलता पाने के लिए शुभ माना जाता है। - अमृत काल: 02:14 PM से 03:54 PM
अमृत काल सबसे शुभ समयों में से एक होता है, इस दौरान सभी महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध हो सकते हैं। - राहु काल: 12:26 PM से 01:58 PM
राहु काल को अशुभ समय माना जाता है, इस दौरान कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। - गुलिक काल: 10:53 AM से 12:26 PM
गुलिक काल भी कुछ हद तक अशुभ माना जाता है, अतः इस समय में भी महत्वपूर्ण कार्यों से बचा जाता है। - यमगंड काल: 07:51 AM से 09:23 AM
यमगंड काल भी शुभ नहीं माना जाता। इस समय कोई नया कार्य न करें।
दिशा शूल:
- उत्तर दिशा में यात्रा निषेध है। अगर उत्तर दिशा में यात्रा करना आवश्यक हो, तो घी का सेवन करके यात्रा प्रारंभ करें। यह उपाय दिशा शूल के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
अशुभ समय (दुर्मुहूर्त):
- 09:09 AM से 09:59 AM
- 12:46 PM से 01:36 PM
व्रत/त्योहार:
- प्रदोष व्रत:
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा-अर्चना का दिन होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। शिवजी की आराधना और व्रत से कष्टों का निवारण होता है।
आज के विशेष उपाय:
- शिव आराधना:
चूंकि आज प्रदोष व्रत है, शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं। भगवान शिव की स्तुति करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। - बुध ग्रह के लिए:
आज बुधवार है, इस दिन हरे वस्त्र धारण करें और भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। हरे मूंग का दान भी बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ होता है। - उत्तर दिशा के लिए उपाय:
उत्तर दिशा में यात्रा करने की स्थिति में घी का सेवन करके यात्रा करें।
आज का दिन शुभ कार्यों और शिव भक्ति के लिए उत्तम है। पंचांग में बताए गए शुभ मुहूर्तों में अपने कार्यों को संपन्न करें।
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