अररिया जिले के फारबिसगंज अनुमंडल निवासी अविनाश कुमार को यूपीएससी सिविल परीक्षा 2022 में 17 वां रैंक प्राप्त हुआ था। जिसमें उनको कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आइएएस पद का भार देते हुए पश्चिम बंगाल कैडर दिया गया है। इसको लेकर भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और पीजी मंत्रालय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्र में सूची जारी कर सूचना प्रसारित की है। सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आधार पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के जारी 179 आइएएस की सूची में अररिया के अविनाश कुमार को 14 वें क्रमांक पर रखते हुए आईएएस पद पर पश्चिम बंगाल कैडर आवंटित किया गया है। आईएएस अधिकारी बनने जा रहे अविनाश कुमार ने स्वयं इसकी जानकारी दी है। कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी पत्र एंव सूची को भेजकर उन्होंने कहा कि कर्मभूमि मेरा इंतजार कर रही है। मुझे इसका सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने पूरे तन्मन्यता से रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानन्द, नेताजी सुभाषचंद्र बोस व अरबिंदों घोष की भूमि की सेवा करने की बात कही। बता दें कि आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार अररिया जिला के फारबिसगंज अनुमंडल के बथनाहा पंचायत बघुवा गांव के रहने वाले हैं। अविनाश ने अपनी 10 वीं तक की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर, फारसिबगंज से पूरी की है और उन्होंने बोकारो से इंटर किया। उन्होंने 10 वीं कक्षा में 10 सीजीपीए और 12 वीं कक्षा में 93 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स प्राप्त किया था। अविनाश के पिता शिक्षक की नौकरी से सेनावृत हुए हैं। बाद में अविनाश ने कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनयरिंग में भी उन्होंने अच्छा परफॉर्म किया और 9.36 सीजीपीए के साथ इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अविनाश ने ग्रेजुएशन के बाद पश्चिम बंगाल में ही रह कर एक पावर प्रोजेक्ट पर 11 महीने तक काम किया। इंजीनियरिंग की जॉब के दौरान ही उन्हें यूपीएससी करने का ख्याल आया और फ़िर आईएएस बनने का सपना देखने लगे। नौकरी के साथ तैयारी करना मुश्किल लगा तो नौकरी छोड़कर तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। हालांकि उनके लिए यह सब बहुत मुश्किल था। एक अच्छी खासी नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आने का फैसला मुश्किलों भरा रहा। यूपीएससी के पहले दो अटेंप्ट में अविनाश कुमार प्रीलिम्स एग्जाम क्लियर नहीं कर पाए। लेकिन वे निराश नहीं हुए और तैयारी में लगे रहे। रोजाना कई घंटों की कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी के लिए पूरी तरह समर्पित रहे। यूपीएससी 2022 में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू राउंड क्रैक कर उन्होंने ऑल इंडिया 17 वीं रैंक हासिल की। उन्होंने महज 25 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा टॉपर रैंक के साथ क्लियर किया है। अविनाश ने बताया कि शुरुआत में कोचिंग भी जॉइन की थी लेकिन उसके बाद सेल्फ स्टडी पर ध्यान केंद्रित कर लिया। अविनाश ने यूपीएससी एस्पिरेंट्स को रेगुलरली और गंभीरतापूर्वक पढ़ने की सलाह दी। उनका यह कहना है कि सिर्फ कोचिंग करके बिना सेल्फ स्टडी के यूपीएससी क्लियर नहीं किया जा सकता। आज अविनाश कुमार अररिया जिले के हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
सारस न्यूज, अररिया।
अररिया जिले के फारबिसगंज अनुमंडल निवासी अविनाश कुमार को यूपीएससी सिविल परीक्षा 2022 में 17 वां रैंक प्राप्त हुआ था। जिसमें उनको कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आइएएस पद का भार देते हुए पश्चिम बंगाल कैडर दिया गया है। इसको लेकर भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और पीजी मंत्रालय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्र में सूची जारी कर सूचना प्रसारित की है। सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आधार पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के जारी 179 आइएएस की सूची में अररिया के अविनाश कुमार को 14 वें क्रमांक पर रखते हुए आईएएस पद पर पश्चिम बंगाल कैडर आवंटित किया गया है। आईएएस अधिकारी बनने जा रहे अविनाश कुमार ने स्वयं इसकी जानकारी दी है। कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी पत्र एंव सूची को भेजकर उन्होंने कहा कि कर्मभूमि मेरा इंतजार कर रही है। मुझे इसका सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने पूरे तन्मन्यता से रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानन्द, नेताजी सुभाषचंद्र बोस व अरबिंदों घोष की भूमि की सेवा करने की बात कही। बता दें कि आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार अररिया जिला के फारबिसगंज अनुमंडल के बथनाहा पंचायत बघुवा गांव के रहने वाले हैं। अविनाश ने अपनी 10 वीं तक की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर, फारसिबगंज से पूरी की है और उन्होंने बोकारो से इंटर किया। उन्होंने 10 वीं कक्षा में 10 सीजीपीए और 12 वीं कक्षा में 93 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स प्राप्त किया था। अविनाश के पिता शिक्षक की नौकरी से सेनावृत हुए हैं। बाद में अविनाश ने कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनयरिंग में भी उन्होंने अच्छा परफॉर्म किया और 9.36 सीजीपीए के साथ इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अविनाश ने ग्रेजुएशन के बाद पश्चिम बंगाल में ही रह कर एक पावर प्रोजेक्ट पर 11 महीने तक काम किया। इंजीनियरिंग की जॉब के दौरान ही उन्हें यूपीएससी करने का ख्याल आया और फ़िर आईएएस बनने का सपना देखने लगे। नौकरी के साथ तैयारी करना मुश्किल लगा तो नौकरी छोड़कर तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। हालांकि उनके लिए यह सब बहुत मुश्किल था। एक अच्छी खासी नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आने का फैसला मुश्किलों भरा रहा। यूपीएससी के पहले दो अटेंप्ट में अविनाश कुमार प्रीलिम्स एग्जाम क्लियर नहीं कर पाए। लेकिन वे निराश नहीं हुए और तैयारी में लगे रहे। रोजाना कई घंटों की कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी के लिए पूरी तरह समर्पित रहे। यूपीएससी 2022 में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू राउंड क्रैक कर उन्होंने ऑल इंडिया 17 वीं रैंक हासिल की। उन्होंने महज 25 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा टॉपर रैंक के साथ क्लियर किया है। अविनाश ने बताया कि शुरुआत में कोचिंग भी जॉइन की थी लेकिन उसके बाद सेल्फ स्टडी पर ध्यान केंद्रित कर लिया। अविनाश ने यूपीएससी एस्पिरेंट्स को रेगुलरली और गंभीरतापूर्वक पढ़ने की सलाह दी। उनका यह कहना है कि सिर्फ कोचिंग करके बिना सेल्फ स्टडी के यूपीएससी क्लियर नहीं किया जा सकता। आज अविनाश कुमार अररिया जिले के हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
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