सारस न्यूज, अररिया।
जिला श्रम विभाग द्वारा बाल श्रमिक प्रतिषेध व विनियमन अधिनियम 1986 के अंतर्गत टीम का गठन कर जिलास्तरीय धावादल चलाया गया। गठित टीम धावादल के विभिन्न प्रखंडों के श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारियों में धावा दल के संचालक के रूप में नोडल पदाधिकारी सह श्रम अधीक्षक जगन्नाथ पासवान द्वारा धावा दल की एक टीम गठित की गई, जिसमें अररिया सदर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अमर ज्योति, जोकीहाट के अमित कुमार कश्यप, रानीगंज के राजेश कुमार, नरपतगंज की ममता कुमारी सहित नगर थाना पुलिस में पुअनि राजकुमार सिंह और पुलिस सदल-बल शामिल थे। वहीं धावादल के द्वारा अररिया जिला के विभिन्न प्रतिष्ठानों व होटलों से 02 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है। इसकी जानकारी श्रम अधीक्षक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी। जिसमें धावादल द्वारा जीरो माइल स्थित एक हॉस्पिटल समीप मटियारी निवासी मेहर बेकरी के नियोजक मुज्जमील पिता इफ्तखार आलम व गैयारी पंचायत के झवारी निवासी जिसान बाइक गैरेज के नियोजक जिसान पिता मो तहर दोनों दुकान मालिकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जानकारी देते हुए अररिया सदर के प्रभारी श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी अमर ज्योति ने बताया कि उक्त दोनों दुकान मालिक के विरुद्ध बाल श्रमिक प्रतिषेध व विनियमन अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। वहीं नियोजक (दुकान मालिक) पर एमसी मेहता बनाम स्टेट ऑफ तमिलनाडु के अंतर्गत 20 हजार रुपये का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जुर्माने की इस राशि को बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा कराया जाता है। इधर विमुक्त कराए दोनों बाल श्रमिकों को प्राथमिक पुनर्वास राशि के रूप में 03 हजार व मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता राशि 25 हजार की एफडी दी जाती है। जो बाल श्रमिकों के 18 वर्ष की उम्र होने तक बैंक में जमा रहती है। वहीं विमुक्त बाल श्रमिकों को प्राथमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष से 05 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि का लाभ भी दिया जाता है।