अररिया महाविद्यालय में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक पाठक ने की। इस बैठक में शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने भाग लिया और महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब महाविद्यालय में छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति को प्राथमिकता दी जाएगी। डॉ. पाठक ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार 75% उपस्थिति से कम रहने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा-प्रपत्र भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को समय पर वर्ग संचालन में भाग लेना अनिवार्य है।
प्रधानाचार्य ने यह भी जानकारी दी कि लगभग सभी विषयों में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है, जिससे शिक्षण व्यवस्था अब पूरी तरह सशक्त और व्यवस्थित हो गई है। ऐसे में अब किसी भी छात्र या शिक्षक को कक्षाओं से अनुपस्थित रहने की कोई छूट नहीं मिलेगी।
उन्होंने महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ, सुंदर और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रेरक बनाने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही, सभी शिक्षकों को प्रयोगशालाओं के नियमित संचालन हेतु निर्देशित किया गया।
डॉ. पाठक ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से कॉलेज भेजें, ताकि उन्हें परीक्षा से संबंधित किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस बैठक में प्रोफेसर अब्दुस सलाम, डॉ. नोमान हैदर, डॉ. अमरीश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. बृजकिशोर, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. आशीष झा, डॉ. पूजा अग्रवाल, डॉ. सुलोचना कुमारी, डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा, डॉ. हामिद रेजा, डॉ. संदेश यादव, अमित आनंद, आलोक आनंद, नैयर आलम समेत अनेक शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया महाविद्यालय में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक पाठक ने की। इस बैठक में शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने भाग लिया और महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब महाविद्यालय में छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति को प्राथमिकता दी जाएगी। डॉ. पाठक ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार 75% उपस्थिति से कम रहने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा-प्रपत्र भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को समय पर वर्ग संचालन में भाग लेना अनिवार्य है।
प्रधानाचार्य ने यह भी जानकारी दी कि लगभग सभी विषयों में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है, जिससे शिक्षण व्यवस्था अब पूरी तरह सशक्त और व्यवस्थित हो गई है। ऐसे में अब किसी भी छात्र या शिक्षक को कक्षाओं से अनुपस्थित रहने की कोई छूट नहीं मिलेगी।
उन्होंने महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ, सुंदर और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रेरक बनाने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही, सभी शिक्षकों को प्रयोगशालाओं के नियमित संचालन हेतु निर्देशित किया गया।
डॉ. पाठक ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से कॉलेज भेजें, ताकि उन्हें परीक्षा से संबंधित किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस बैठक में प्रोफेसर अब्दुस सलाम, डॉ. नोमान हैदर, डॉ. अमरीश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. बृजकिशोर, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. आशीष झा, डॉ. पूजा अग्रवाल, डॉ. सुलोचना कुमारी, डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा, डॉ. हामिद रेजा, डॉ. संदेश यादव, अमित आनंद, आलोक आनंद, नैयर आलम समेत अनेक शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे।
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