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जानलेवा हथियार से पीट पीटकर जान से मार देने पर 14 अभियुक्तों को मिली आजीवन कारावास की सजा।

सारस न्यूज, अररिया।

विभिन्न धाराओं में 81 हजार रुपए जमा करने का हुआ आदेश।

जुर्माने की राशि प्रतिकर के रूप में मृतक की विधवा चांदनी देवी को प्रदान की जाएंगी।

गुरुवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-01 मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने तीन वर्ष पूर्व एकमत होकर हरबे हथियार से लैस होकर पीट पीटकर जान से मार देने का मामला प्रमाणित होने पर फारबिसगंज डाक हरिपुर के 11 लोग क्रमश: 32 वर्षीय पंकज कुमार, 42 वर्षीय रूप चंद मेहता, 47 वर्षीय शेखर मेहता, 77 वर्षीय घोटान मेहता, 47 वर्षीय देव नारायण मेहता, 57 वर्षीय दिनेश मेहता, 37 वर्षीय शंभु मेहता, 35 वर्षीय दिलीप मेहता, 27 वर्षीय बबलू मेहता, 24 वर्षीय छोटू कुमार मेहता, 47 वर्षीय रामदेव मेहता व टेढ़ी मुसहरी फारबिसगंज के रहनेवाले तीन लोग क्रमशः 72 वर्षीय सुरेन मेहता, 47 वर्षीय जीवन पासवान उर्फ जीवानंद पासवान व ललित मेहता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

सभी आरोपितों को जुर्माने के तौर पर विभिन्न धाराओं में 81 हजार रुपए जमा करना होगा। इस में जुर्माने की राशि प्रतिकर के रूप में मृतक की विधवा चांदनी देवी को प्रदान किया जाएगा।

सरकार की ओर से एपीपी ने जानकारी दिया कि यह सजा एसटी 206/2021 मे सुनाई गई है। घटना 30 दिसंबर 2020 के करीब 10 बजे दिन की बताई गई है।

जिले के फारबिसगंज डाक हरिपुर निवासी सत्य नारायण मेहता अपनी पत्नी चांदनी देवी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने घर से फारबिसगंज बाजार जा रहे थे, तभी पहले से घात लगाए अभियुक्तों ने मोटरसाइकिल को रूपचंद मेहता के घर के पास घेर लिया था। तभी सभी अभियुक्त के हाथों में लोहा का पाइप, रोड, तलवार, तीर फट्टा, खंता, गढेल, मछली मारने वाला शहद एवं थ्रीनट वगेरह था। सभी अभियुक्तों ने मिलकर सत्य नारायण मेहता के साथ मारपीट कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया और जख्मी हालत में सत्य नारायण मेहता बेहोश हो गया। बेहोशी के आलम मे चांदनी देवी के करुण चित्कार पर ग्रामीणों व परिजनों के सहयोग से घायल सत्य नारायण मेहता को अस्पताल ले जाया गया। जहां अस्पताल पहुंचने के पहले रास्ते में ही सत्य नारायण मेहता ने दम तोड़ दिया।

घटना को लेकर मृतक सत्य नारायण मेहता की 44 वर्षीय पत्नी चांदनी देवी ने अभियुक्तों के विरुद्ध फारबिसगंज थाना मे आवेदन दिया। जहां फारबिसगंज कांड संख्या- 1044/20 दर्ज हुआ।

इस मामले में अनुसंधान कर्ता पुलिस पदाधिकारी ने न्यायालय में चार्जसीट जमा किया। जिसपर सीजेएम द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध संज्ञान 29 जून 2021 को लिया गया व अभियुक्तों का आरोप गठन (चार्जफ्रेम) 11 अगस्त 2021 को लिया गया।

एपीपी ने बताया कि कोर्ट में सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। गवाहो के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी ने सभी 14 अभियुक्तों को हत्या में संलिप्तता पाकर दोषी पाया। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह व देबू सेन ने अपना पक्ष रखा।

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