सारस न्यूज़, अररिया।
सीमांचल वंचित मुक्ति मोर्चा के संयोजक और पूर्व लोक अभियोजक के.एन. विश्वास ने सांसदों की सैलरी और पेंशन में चौबीस प्रतिशत की बढ़ोतरी की अधिसूचना को न केवल अलोकतांत्रिक बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश कई जटिल समस्याओं से घिरा हुआ है, और ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों को अपनी सुख-सुविधाओं की चिंता छोड़कर इन समस्याओं के समाधान पर ध्यान देना चाहिए।
विश्वास ने अपनी जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आज किसानों की स्थिति बद से बदतर हो रही है। लंबे समय से चले आ रहे किसान आंदोलनों के बावजूद, किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसानों को आत्महत्या जैसी त्रासदी का सामना करना पड़ता है। अगर हमारे जनप्रतिनिधि इन पैसों को कृषि आधारित उद्योगों में निवेश करने पर विचार करते, तो न केवल बेरोजगारों का पलायन रुकता बल्कि किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान दिखाई देती।
उन्होंने कहा कि अब सांसदों को सभी सुविधाओं को मिलाकर कुल 2,54,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा, जबकि पूर्व सांसदों को भी 31,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। श्री विश्वास ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा पेंशन तो देश की आजादी के लिए लड़ने वाले अमर वीरों या उनके उत्तराधिकारियों को भी नहीं मिल रही है, जिसके कारण उनके परिवार विभिन्न कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
श्री विश्वास ने सरकार और देश के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे देश की गंभीर आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने हित में लिए गए इस फैसले पर पुनः विचार करें, अन्यथा आने वाली पीढ़ी उन्हें माफ नहीं करेगी।
