शहर के शिवपुरी वार्ड संख्या 09 स्थित विषहरी मंदिर परिसर से नागपंचमी के अवसर पर शुक्रवार को 501 महिलाओं और युवतियों द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यह यात्रा विषहरी मंदिर से शुरू होकर शहर के बस स्टैंड, चांदनी चौक, और काली मंदिर चौक से होती हुई बाबाजी की कुटिया स्थित परमान नदी के तट पर पहुंची। वहां महिलाओं ने परमान नदी में स्नान किया और पूरे विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना कर कलश में जल भरकर पुनः विषहरी मंदिर के प्रांगण में लौटीं, जहां पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की।
इस दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि विषहरी मंदिर की स्थापना सविता देवी द्वारा की गई थी, जो पिछले 25 वर्षों से नागपंचमी के मौके पर चार दिवसीय पूजा और मेले का आयोजन कर रही हैं। यह जिले का एकमात्र विषहरी मंदिर है, जहां हर साल नागपंचमी के अवसर पर मां विषहरी की भव्य पूजा की जाती है और बलि प्रदान की जाती है।
समाजसेवी अविनाश आनंद ने बताया कि जो भी सच्चे मन से मां विषहरी की पूजा कर मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। कलश यात्रा में सविता देवी, संगीता देवी, सुमित्रा देवी, मीरा देवी, पिंकी देवी, सरिता देवी, काजल देवी, सुलेखा देवी, निर्मला देवी, पार्वती देवी, अंशु कुमारी, बेबी देवी, अनिता देवी, इंद्रा देवी, रेणु देवी सहित बिजेंद्र राम, जगरनाथ साह, दीपक कंजर, कैलाश राम, बिजय राम, रामानंद यादव, लाल बाबू, धीरेंद्र कुमार, नागो राम, दिलीप ऋषिदेव, कदम लाल ऋषिदेव, राजकुमार, दीपक, मुन्ना, सीताराम मंडल, युवराज यादव, मिथुन राम सहित दर्जनों श्रद्धालु उपस्थित थे। चार दिवसीय मेले के दौरान संध्या समय आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
सारस न्यूज़,अररिया।
शहर के शिवपुरी वार्ड संख्या 09 स्थित विषहरी मंदिर परिसर से नागपंचमी के अवसर पर शुक्रवार को 501 महिलाओं और युवतियों द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यह यात्रा विषहरी मंदिर से शुरू होकर शहर के बस स्टैंड, चांदनी चौक, और काली मंदिर चौक से होती हुई बाबाजी की कुटिया स्थित परमान नदी के तट पर पहुंची। वहां महिलाओं ने परमान नदी में स्नान किया और पूरे विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना कर कलश में जल भरकर पुनः विषहरी मंदिर के प्रांगण में लौटीं, जहां पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की।
इस दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि विषहरी मंदिर की स्थापना सविता देवी द्वारा की गई थी, जो पिछले 25 वर्षों से नागपंचमी के मौके पर चार दिवसीय पूजा और मेले का आयोजन कर रही हैं। यह जिले का एकमात्र विषहरी मंदिर है, जहां हर साल नागपंचमी के अवसर पर मां विषहरी की भव्य पूजा की जाती है और बलि प्रदान की जाती है।
समाजसेवी अविनाश आनंद ने बताया कि जो भी सच्चे मन से मां विषहरी की पूजा कर मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। कलश यात्रा में सविता देवी, संगीता देवी, सुमित्रा देवी, मीरा देवी, पिंकी देवी, सरिता देवी, काजल देवी, सुलेखा देवी, निर्मला देवी, पार्वती देवी, अंशु कुमारी, बेबी देवी, अनिता देवी, इंद्रा देवी, रेणु देवी सहित बिजेंद्र राम, जगरनाथ साह, दीपक कंजर, कैलाश राम, बिजय राम, रामानंद यादव, लाल बाबू, धीरेंद्र कुमार, नागो राम, दिलीप ऋषिदेव, कदम लाल ऋषिदेव, राजकुमार, दीपक, मुन्ना, सीताराम मंडल, युवराज यादव, मिथुन राम सहित दर्जनों श्रद्धालु उपस्थित थे। चार दिवसीय मेले के दौरान संध्या समय आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
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