पैकपार के एक मजदूर की मणिपुर में काम करते समय मौत हो गई। मृतक की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके घर और गांव में कोहराम मच गया। हालांकि, मृतक का शव शुक्रवार देर रात पैकपार पहुंचने की संभावना है।
मृतक मजदूर पैकपार पंचायत के वार्ड संख्या 15 स्थित मंडल टोला निवासी कामेश्वर मंडल के 30 वर्षीय पुत्र महेश मंडल बताया गया है। जानकारी के अनुसार, महेश मंडल मणिपुर में पुल निर्माण के दौरान गुरुवार को एक हादसे का शिकार हो गया। पुल का शटरिंग उसका और अन्य एक मजदूर के ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। महेश मणिपुर में राजमिस्त्री का काम करता था।
मृतक के परिजन जितेंद्र कुमार ने बताया कि महेश मंडल 15 दिन पहले ही गांव से मणिपुर काम करने के लिए गया था। वहां वह राजमिस्त्री का काम कर रहा था। गुरुवार को वह अपने डेरा से अन्य मिस्त्रियों और मजदूरों के साथ निर्धारित समय पर पुल निर्माण स्थल पर पहुंचा। वहीं काम करते समय पुल का शटरिंग उसके और उसके साथ काम कर रहे एक अन्य मजदूर के ऊपर गिर गया। इसके बाद उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक के परिजनों ने बताया कि महेश मंडल का शव एंबुलेंस के जरिए गांव लाया जा रहा है, जिसे शुक्रवार रात तक पैकपार पहुंचने की उम्मीद है। महेश मंडल के पांच पुत्रियां थीं, जिनमें सबसे बड़ी बेटी 12 वर्ष की है। मृतक परिवार का मुख्य जिम्मेदार व्यक्ति था, और परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। यही कारण था कि महेश मंडल कुछ दिन पहले मणिपुर काम करने गया था, लेकिन वहीं हादसे में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। शनिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सारस न्यूज़, अररिया।
पैकपार के एक मजदूर की मणिपुर में काम करते समय मौत हो गई। मृतक की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके घर और गांव में कोहराम मच गया। हालांकि, मृतक का शव शुक्रवार देर रात पैकपार पहुंचने की संभावना है।
मृतक मजदूर पैकपार पंचायत के वार्ड संख्या 15 स्थित मंडल टोला निवासी कामेश्वर मंडल के 30 वर्षीय पुत्र महेश मंडल बताया गया है। जानकारी के अनुसार, महेश मंडल मणिपुर में पुल निर्माण के दौरान गुरुवार को एक हादसे का शिकार हो गया। पुल का शटरिंग उसका और अन्य एक मजदूर के ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। महेश मणिपुर में राजमिस्त्री का काम करता था।
मृतक के परिजन जितेंद्र कुमार ने बताया कि महेश मंडल 15 दिन पहले ही गांव से मणिपुर काम करने के लिए गया था। वहां वह राजमिस्त्री का काम कर रहा था। गुरुवार को वह अपने डेरा से अन्य मिस्त्रियों और मजदूरों के साथ निर्धारित समय पर पुल निर्माण स्थल पर पहुंचा। वहीं काम करते समय पुल का शटरिंग उसके और उसके साथ काम कर रहे एक अन्य मजदूर के ऊपर गिर गया। इसके बाद उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक के परिजनों ने बताया कि महेश मंडल का शव एंबुलेंस के जरिए गांव लाया जा रहा है, जिसे शुक्रवार रात तक पैकपार पहुंचने की उम्मीद है। महेश मंडल के पांच पुत्रियां थीं, जिनमें सबसे बड़ी बेटी 12 वर्ष की है। मृतक परिवार का मुख्य जिम्मेदार व्यक्ति था, और परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। यही कारण था कि महेश मंडल कुछ दिन पहले मणिपुर काम करने गया था, लेकिन वहीं हादसे में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। शनिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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