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बिहार पुलिस सप्ताह 2025 के अवसर पर गुरुवार को पुलिस केंद्र अररिया में किया गया स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन।

प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, अररिया।

इस शिविर में जिलाधिकारी अररिया श्री अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री अंजनी कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक श्री राम पुकार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) श्री फखरे आलम, प्रशिक्षु डीवाईएसपी श्री संतोष पोद्दार, अररिया जिला बल के पुलिस अधिकारी एवं कर्मी सहित एसएसबी के जवानों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया।

जनसेवा में रक्तदान का महत्व

इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री अनिल कुमार ने कहा कि “रक्तदान की दिशा में उठाया गया एक छोटा सा कदम किसी जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है। रक्तदान, समाजसेवा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जिससे जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा सकती है।” उन्होंने उपस्थित पुलिस अधिकारियों और एसएसबी जवानों को रक्तदान के प्रति जागरूक एवं प्रेरित किया।

स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका

यह रक्तदान शिविर सिविल सर्जन अररिया डॉ. के.के. कश्यप के मार्गदर्शन में ब्लड बैंक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं ब्लड बैंक अररिया की टीम के सहयोग से आयोजित किया गया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संतोष कुमार एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एड्स) श्री अखिलेश कुमार सिंह भी मौजूद थे।

स्वैच्छिक रक्तदान: जीवन रक्षा का आधार

इस अवसर पर सिविल सर्जन अररिया ने रक्तदान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि—
“स्वैच्छिक रक्तदान का मुख्य उद्देश्य बिना किसी दबाव या आर्थिक लाभ के रक्तदान करना है। यह रक्त आमतौर पर हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, मलेरिया, सिफलिस एवं एच.आई.वी./एड्स जैसी संक्रामक बीमारियों से मुक्त होता है। मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है और रक्तदान ही इसका एकमात्र उपाय है।”

उन्होंने बताया कि दान किया गया रक्त दुर्घटनाग्रस्त मरीजों, शल्य चिकित्सा के दौरान, एनीमिया के मरीजों, प्रसव के दौरान गर्भवती माताओं, कैंसर एवं थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद आवश्यक होता है।

रक्तदान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 4.5 से 5 लीटर रक्त होता है। रक्तदान के दौरान सामान्यतः 350 से 450 मिलीलीटर रक्त लिया जाता है, जिसकी पूर्ति शरीर स्वतः कुछ ही समय में कर लेता है।
18 से 65 वर्ष की आयु के स्वस्थ व्यक्ति (पुरुष/महिला) जिनका वजन 45 किलोग्राम या उससे अधिक हो, वे रक्तदान कर सकते हैं।
कोई भी स्वस्थ पुरुष 3 माह के अंतराल पर वर्ष में 4 बार, जबकि महिलाएं 4 माह के अंतराल पर वर्ष में 3 बार रक्तदान कर सकती हैं।
रक्तदान की प्रक्रिया मात्र 5 से 10 मिनट में पूरी हो जाती है।

इस रक्तदान शिविर का उद्देश्य रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध कराना था। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षाबलों के इस सराहनीय योगदान ने समाज में स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहित करने की एक मजबूत मिसाल पेश की है।

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