अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की नगर इकाई अररिया ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर शिक्षक दिवस का आयोजन किया। यह कार्यक्रम स्थानीय परिषद कार्यालय परिसर में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता नगर सह मंत्री अंकित कुमार सिन्हा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्णिया विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य प्रो. एमपी सिंह मौजूद रहे। उन्होंने डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. एमपी सिंह ने डॉ. राधाकृष्णन की शिक्षाविद् और दार्शनिक के रूप में दी गई महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी और उनका जीवन पूरी तरह से शिक्षा और युवाओं के विकास को समर्पित रहा। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षक का कर्तव्य सिर्फ ज्ञान देना नहीं, बल्कि छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
प्रो. सिंह ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि शिक्षक और छात्रों के बीच बढ़ती दूरी को कम करना आज की जरूरत है। उन्होंने इस दूरी के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब तक शिक्षक अपनी भूमिका को केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से देखेंगे, उन्हें वह सम्मान नहीं मिलेगा जिसके वे हकदार हैं।
इस अवसर पर भोला राठौर, मनीष कुमार, सचिन कुमार, विजय कुमार, राजा कुमार, राहुल आर्यन, वंशिका कुमारी, अंकिता कुमारी, श्रुति कुमारी, स्नेहा कुमारी, सीमा कुमारी सहित कई परिषद सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
सारस न्यूज़, अररिया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की नगर इकाई अररिया ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर शिक्षक दिवस का आयोजन किया। यह कार्यक्रम स्थानीय परिषद कार्यालय परिसर में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। इस समारोह की अध्यक्षता नगर सह मंत्री अंकित कुमार सिन्हा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्णिया विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य प्रो. एमपी सिंह मौजूद रहे। उन्होंने डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. एमपी सिंह ने डॉ. राधाकृष्णन की शिक्षाविद् और दार्शनिक के रूप में दी गई महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी और उनका जीवन पूरी तरह से शिक्षा और युवाओं के विकास को समर्पित रहा। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षक का कर्तव्य सिर्फ ज्ञान देना नहीं, बल्कि छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
प्रो. सिंह ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि शिक्षक और छात्रों के बीच बढ़ती दूरी को कम करना आज की जरूरत है। उन्होंने इस दूरी के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब तक शिक्षक अपनी भूमिका को केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से देखेंगे, उन्हें वह सम्मान नहीं मिलेगा जिसके वे हकदार हैं।
इस अवसर पर भोला राठौर, मनीष कुमार, सचिन कुमार, विजय कुमार, राजा कुमार, राहुल आर्यन, वंशिका कुमारी, अंकिता कुमारी, श्रुति कुमारी, स्नेहा कुमारी, सीमा कुमारी सहित कई परिषद सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
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