कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में गुरुवार को सिविल कोर्ट फारबिसगंज के अधिवक्ताओं द्वारा जहाँ काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया गया, वहीं शोक सभा का आयोजन भी किया गया। यही नहीं, बार एसोसिएशन व एडवोकेट एसोसिएशन फारबिसगंज के अधिवक्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से कश्मीर के पहलगाम के बेसरन घाटी में आतंकी हमले का शिकार हुए निर्दोष पर्यटकों की हृदय विदारक हत्या के विरोध में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया गया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि निर्दोष पर्यटकों की आतंकवादियों द्वारा हत्या किया जाना बेहद निंदनीय है। यह केवल मानवता पर ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा पर आघात है। आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर फायरिंग की। इस दुखद घटना में निर्दोष लोगों की जान जाना अत्यंत पीड़ादायक है। हमें एकजुट होकर शांति और सद्भाव के संदेश को फैलाना होगा। अधिवक्ताओं ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और शांति व सहिष्णुता की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया। अधिवक्ताओं ने घटना में मृत सभी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि यह हमला देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करने का दुस्साहस है।
सारस न्यूज, अररिया।
कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में गुरुवार को सिविल कोर्ट फारबिसगंज के अधिवक्ताओं द्वारा जहाँ काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया गया, वहीं शोक सभा का आयोजन भी किया गया। यही नहीं, बार एसोसिएशन व एडवोकेट एसोसिएशन फारबिसगंज के अधिवक्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से कश्मीर के पहलगाम के बेसरन घाटी में आतंकी हमले का शिकार हुए निर्दोष पर्यटकों की हृदय विदारक हत्या के विरोध में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया गया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि निर्दोष पर्यटकों की आतंकवादियों द्वारा हत्या किया जाना बेहद निंदनीय है। यह केवल मानवता पर ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा पर आघात है। आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर फायरिंग की। इस दुखद घटना में निर्दोष लोगों की जान जाना अत्यंत पीड़ादायक है। हमें एकजुट होकर शांति और सद्भाव के संदेश को फैलाना होगा। अधिवक्ताओं ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और शांति व सहिष्णुता की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया। अधिवक्ताओं ने घटना में मृत सभी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि यह हमला देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करने का दुस्साहस है।
Leave a Reply