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अंतरजातीय व निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 6 लाभुकों को मिला एक-एक लाख रुपये का अनुदान।

सारस न्यूज़, अररिया।


समाजिक समरसता और समावेशी समाज की दिशा में जिला प्रशासन का सराहनीय कदम


समाज में जातीय भेदभाव और शारीरिक अक्षमताओं को दरकिनार करते हुए समाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में अररिया जिला प्रशासन ने एक प्रेरणादायक पहल की है। जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना और मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कुल 6 लाभुकों को एक-एक लाख रुपये की सावधि जमा राशि प्रदान की गई।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी

मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्मिता स्मिथ, रानो कुमारी और सजल श्रद्धा को यह प्रोत्साहन राशि दी गई। इस योजना का संचालन सामाजिक सुरक्षा निदेशालय, समाज कल्याण विभाग, बिहार पटना द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में जातीय बंधनों को समाप्त कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी जाति से इतर अन्य जाति में विवाह करता है, तो उसे एक लाख रुपये की सावधि जमा के रूप में अनुदान राशि दी जाती है।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ लेने के लिए विवाह के 2 वर्षों के भीतर लाभार्थी को निम्नलिखित प्रमाण-पत्रों के साथ आवेदन करना आवश्यक है:

  • विवाह निबंधन प्रमाण-पत्र
  • वर-वधु के आयु संबंधी प्रमाण
  • जाति प्रमाण-पत्र
  • निवास प्रमाण-पत्र
    आवेदन जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, अररिया में जमा किया जा सकता है।

निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी

इसी प्रकार, मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कंचन कुमारी, मीकाईल अंसारी और पिंकी कुमारी को एक-एक लाख रुपये की सावधि जमा दी गई। यह योजना उन व्यक्तियों के लिए है जो 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता प्रमाण-पत्र धारक हैं।
इस योजना के तहत भी लाभ प्राप्त करने के लिए विवाह के 2 वर्षों के अंदर सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग में आवेदन देना होता है।

समानता और समावेश की दिशा में सार्थक प्रयास

जिला पदाधिकारी अनिल कुमार ने इन योजनाओं को समानता आधारित और समावेशी समाज की दिशा में एक सशक्त पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती हैं और उन लोगों को सम्मान देती हैं जो सामाजिक बंदिशों को तोड़कर आगे बढ़ते हैं।


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