सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाने के लिए बड़ी पहल की गई है। माननीय स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार श्री मंगल पांडेय ने फारबिसगंज प्रखंड के ठीलामोहन में आयोजित एक समारोह में 11.56 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 27 प्री फैब स्वास्थ्य उपकेंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शिलान्यास किया।
इस मौके पर जिले के जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप, विधायक श्री विद्यासागर केशरी, विधायक श्री जयप्रकाश यादव, अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज सुश्री शैलजा पांडेय, बीएमएसआईसीएल के डीजीएम श्री शशि शेखर कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर श्री मेहताब आलम, डीपीएम स्वास्थ्य श्री संतोष कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मंत्री जी ने कहा – हर गांव तक पहुंचेगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि 3,000 से 5,000 आबादी वाले इलाकों में उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किए जाएं। प्रत्येक प्री फैब स्वास्थ्य उपकेंद्र का क्षेत्रफल 1350 वर्ग फुट होगा और इसकी लागत लगभग 42.84 लाख रुपये होगी। इन केंद्रों में वेलनेस हॉल, चिकित्सक कक्ष, नर्स कक्ष, टीकाकरण कक्ष, डे-केयर वार्ड, प्रयोगशाला और मेडिकल फर्नीचर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार प्रत्येक नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की तारीफ
जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने कहा कि इन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी। इससे आम जनता को समय पर इलाज मिलेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रखंडवार स्वास्थ्य उपकेंद्रों का वितरण
- अररिया प्रखंड: 7
- फारबिसगंज प्रखंड: 7
- भरगामा प्रखंड: 4
- नरपतगंज प्रखंड: 6
- जोकीहाट प्रखंड: 1
- सिकटी प्रखंड: 2
इस प्रकार कुल 27 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का निर्माण किया जाएगा, जिन पर कुल 11.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सिविल सर्जन ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर जताई खुशी
सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप ने बताया कि इन स्वास्थ्य उपकेंद्रों के बनने से जिले के दूर-दराज के गांवों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान होगी और ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी। यह पहल ग्रामीण जनता के लिए बड़ी राहत साबित होगी।