रामपुर उत्तर पंचायत स्थित पूर्णिया केनाल की 12 आरडी नहर पर गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अवैध खनन रोकने पहुंचे खनन विभाग और जल संसाधन विभाग की संयुक्त टीम पर ग्रामीणों की भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया। भीड़ ने जब्त किए गए ट्रैक्टर को जबरन छुड़ाकर मौके से भगा दिया। इस हमले में खनन विभाग के इंस्पेक्टर सहित कई गृहरक्षक जवान घायल हो गए, जिनका इलाज फिलहाल सदर अस्पताल अररिया में चल रहा है।
छापेमारी बनी जानलेवा –
खनन विभाग को यह सूचना मिल रही थी कि रामपुर उत्तर पंचायत से होकर बहने वाली पूर्णिया केनाल की 12 आरडी नहर से बड़े पैमाने पर मिट्टी की अवैध खुदाई की जा रही है। इसी सूचना के आधार पर खनन निरीक्षक मो. अरमान के नेतृत्व में विभाग की टीम ने सिंचाई प्रमंडल बथनाहा के अभियंताओं के साथ संयुक्त छापेमारी की योजना बनाई।
टीम जब मौके पर पहुंची तो एक ट्रैक्टर को अवैध रूप से मिट्टी खनन करते पकड़ा गया। चालक ट्रैक्टर छोड़कर मौके से फरार हो गया। लेकिन जैसे ही टीम ट्रैक्टर को जब्त कर थाना ले जाने लगी, उसी दौरान 50 से 70 लोगों की भीड़ ने घेर लिया और टीम पर जानलेवा हमला कर दिया।
गृह रक्षकों पर हमला, ट्रैक्टर छीन ले गए –
हमले में खनन निरीक्षक मो. अरमान के साथ गृहरक्षक जवान सनोज कुमार मंडल, बरुन कुमार सरदार, संजय कुमार विश्वास और उपेंद्र यादव घायल हो गए। हमलावरों ने न केवल ट्रैक्टर को छुड़ाया, बल्कि अधिकारी और जवान किसी तरह अपनी जान बचाकर NH तक पहुंचे।
थाने में दी गई सूचना, FIR की प्रक्रिया जारी –
घटना के बाद टीम के सभी सदस्य – खनन विभाग के अधिकारी, सिंचाई प्रमंडल के सहायक अभियंता संजीव कुमार, कनिय अभियंता सुनील कुमार और घायल गृहरक्षक जवान – फारबिसगंज आदर्श थाना पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद सभी घायल कर्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
क्या बोले खनन पदाधिकारी –
खनन निरीक्षक मो. अरमान ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि 12 आरडी नहर से अवैध खनन किया जा रहा है। इसी के आधार पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान भीड़ ने बेहद आक्रामक रवैया अपनाया और जान से मारने की नीयत से हमला किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है।
थानाध्यक्ष का बयान –
थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि खनन विभाग और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम पर अवैध खनन करने वालों द्वारा हमला किए जाने की सूचना मिली है। विभाग से आवेदन प्राप्त होते ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
निष्कर्ष: सरकारी अमले पर हुए इस तरह के हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नाकाफी होते हैं। अवैध खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं, और अब ज़रूरत है कड़े और त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई की।
सारस न्यूज़, अररिया।
रामपुर उत्तर पंचायत स्थित पूर्णिया केनाल की 12 आरडी नहर पर गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अवैध खनन रोकने पहुंचे खनन विभाग और जल संसाधन विभाग की संयुक्त टीम पर ग्रामीणों की भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया। भीड़ ने जब्त किए गए ट्रैक्टर को जबरन छुड़ाकर मौके से भगा दिया। इस हमले में खनन विभाग के इंस्पेक्टर सहित कई गृहरक्षक जवान घायल हो गए, जिनका इलाज फिलहाल सदर अस्पताल अररिया में चल रहा है।
छापेमारी बनी जानलेवा –
खनन विभाग को यह सूचना मिल रही थी कि रामपुर उत्तर पंचायत से होकर बहने वाली पूर्णिया केनाल की 12 आरडी नहर से बड़े पैमाने पर मिट्टी की अवैध खुदाई की जा रही है। इसी सूचना के आधार पर खनन निरीक्षक मो. अरमान के नेतृत्व में विभाग की टीम ने सिंचाई प्रमंडल बथनाहा के अभियंताओं के साथ संयुक्त छापेमारी की योजना बनाई।
टीम जब मौके पर पहुंची तो एक ट्रैक्टर को अवैध रूप से मिट्टी खनन करते पकड़ा गया। चालक ट्रैक्टर छोड़कर मौके से फरार हो गया। लेकिन जैसे ही टीम ट्रैक्टर को जब्त कर थाना ले जाने लगी, उसी दौरान 50 से 70 लोगों की भीड़ ने घेर लिया और टीम पर जानलेवा हमला कर दिया।
गृह रक्षकों पर हमला, ट्रैक्टर छीन ले गए –
हमले में खनन निरीक्षक मो. अरमान के साथ गृहरक्षक जवान सनोज कुमार मंडल, बरुन कुमार सरदार, संजय कुमार विश्वास और उपेंद्र यादव घायल हो गए। हमलावरों ने न केवल ट्रैक्टर को छुड़ाया, बल्कि अधिकारी और जवान किसी तरह अपनी जान बचाकर NH तक पहुंचे।
थाने में दी गई सूचना, FIR की प्रक्रिया जारी –
घटना के बाद टीम के सभी सदस्य – खनन विभाग के अधिकारी, सिंचाई प्रमंडल के सहायक अभियंता संजीव कुमार, कनिय अभियंता सुनील कुमार और घायल गृहरक्षक जवान – फारबिसगंज आदर्श थाना पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद सभी घायल कर्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
क्या बोले खनन पदाधिकारी –
खनन निरीक्षक मो. अरमान ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि 12 आरडी नहर से अवैध खनन किया जा रहा है। इसी के आधार पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान भीड़ ने बेहद आक्रामक रवैया अपनाया और जान से मारने की नीयत से हमला किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है।
थानाध्यक्ष का बयान –
थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि खनन विभाग और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम पर अवैध खनन करने वालों द्वारा हमला किए जाने की सूचना मिली है। विभाग से आवेदन प्राप्त होते ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
निष्कर्ष: सरकारी अमले पर हुए इस तरह के हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नाकाफी होते हैं। अवैध खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं, और अब ज़रूरत है कड़े और त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई की।
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