सारस न्यूज, अररिया।
बिहार विधानसभा आम चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत अररिया में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच (FLC) के उपरांत एफएलसी-ओके ईवीएम का मॉक पोल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रक्रिया में सभी मशीनों की कार्यक्षमता की जांच की गई और किसी प्रकार की त्रुटि सामने नहीं आई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रैंडम तरीके से चयनित एफएलसी-ओके ईवीएम में से 1% पर लोड परीक्षण किया गया। इसके तहत चार बैलट यूनिट (BU) को एक कंट्रोल यूनिट (CU) और एक वीवीपैट से जोड़कर प्रत्येक उम्मीदवार को एक-एक वोट दिया गया, और कंट्रोल यूनिट तथा वीवीपैट की पर्चियों का आपस में मिलान किया गया। इसके अतिरिक्त, 1% मशीनों पर 1200 वोट, 2% पर 1000 वोट और अन्य 2% मशीनों पर 500 वोट डालकर मॉक पोल किया गया, जिसकी निगरानी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई। परिणामों में कोई विसंगति नहीं पाई गई।
जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी अररिया ने इस सफल आयोजन पर संतोष व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि 13 मई से 30 मई 2025 तक समाहरणालय परिसर के गेट संख्या-4 के पास स्थित वीवीपैट वेयरहाउस के एफएलसी हॉल में ईसीआईएल (ECIL) के 14 तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट की जांच की गई। इस प्रक्रिया की निगरानी जिला निर्वाचन पदाधिकारी के साथ-साथ राज्य और भारत निर्वाचन आयोग के स्तर से भी वेबकास्टिंग के माध्यम से की गई। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी इस दौरान उपस्थित रहे।
निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एफएलसी प्रक्रिया के समापन के बाद सभी एफएलसी-ओके ईवीएम को डबल लॉक सिस्टम से सील करके वेयरहाउस में सुरक्षित रखा गया है। इन्हीं मशीनों का उपयोग आगामी विधानसभा चुनावों में किया जाएगा। सुरक्षा के लिए वेयरहाउस के बाहर पुलिस बलों की तैनाती की गई है।
इस अवसर पर एफएलसी पर्यवेक्षक एवं वरीय प्रभारी श्री अजय कुमार ठाकुर, उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. राम बाबू कुमार, एफएलसी नोडल अधिकारी श्री संजय कुमार, अवर निर्वाचन पदाधिकारी श्री अविनाश कृष्ण, श्री अमर कुमार तथा ईसीआईएल की इंजीनियरिंग टीम एवं विभिन्न दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
FLC-OK मशीनों की स्थिति इस प्रकार है:
- बैलट यूनिट (BU): कुल 4097 में से 3689 OK, 408 रिजेक्ट
- कंट्रोल यूनिट (CU): कुल 3202 में से 3148 OK, 54 रिजेक्ट
- वीवीपैट (VVPAT): कुल 3455 में से 3171 OK, 284 रिजेक्ट
यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल एफएलसी-ओके मशीनों का ही आगामी चुनावों में उपयोग किया जाएगा।