धर्मानंद विश्वास उर्फ राकेश विश्वास (भाजपा जिला महामंत्री
भाजपा के जिला महामंत्री और कुर्साकांटा निवासी धर्मानंद विश्वास उर्फ राकेश विश्वास ने जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा को इस्तीफा सौंपते हुए खुद को पार्टी से अलग कर लिया है। इस संबंध में भाजपा के निवर्तमान जिला महामंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर जानकारी दी।
धर्मानंद विश्वास ने बताया कि उन्होंने भाजपा में रहकर दलहित में सैकड़ों कार्य किए हैं, लेकिन पार्टी के वरीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बार-बार अपमानित किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में गृह प्रखंड कुर्साकांटा में आयोजित सांसद प्रदीप कुमार सिंह के सम्मान समारोह में कई पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं को मंच से अपनी बात रखने का मौका दिया गया, लेकिन जिला महामंत्री के महत्वपूर्ण पद पर होते हुए भी उन्हें मंच से बोलने का अवसर नहीं दिया गया। यह निर्णय सांसद और सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल के दबाव में लिया गया था।
राकेश विश्वास ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद और विधायक ने अपने-अपने भाषण में सभी कार्यकर्ताओं का नाम लिया, लेकिन उनका नाम लेना मुनासिब नहीं समझा। यह सब भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा की मौजूदगी में हुआ, जिससे उनकी बेइज्जती की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद के स्वजातीय होने के कारण उन्हें डर है कि कहीं राकेश विश्वास राजनीति में उनसे आगे न बढ़ जाएं।
इस अपमानजनक व्यवहार और मानसिकता से आहत होकर धर्मानंद विश्वास ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष को त्यागपत्र सौंपते हुए अपनी प्राथमिक सदस्यता और जिला महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
सारस न्यूज़, अररिया।
धर्मानंद विश्वास उर्फ राकेश विश्वास (भाजपा जिला महामंत्री
भाजपा के जिला महामंत्री और कुर्साकांटा निवासी धर्मानंद विश्वास उर्फ राकेश विश्वास ने जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा को इस्तीफा सौंपते हुए खुद को पार्टी से अलग कर लिया है। इस संबंध में भाजपा के निवर्तमान जिला महामंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर जानकारी दी।
धर्मानंद विश्वास ने बताया कि उन्होंने भाजपा में रहकर दलहित में सैकड़ों कार्य किए हैं, लेकिन पार्टी के वरीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बार-बार अपमानित किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में गृह प्रखंड कुर्साकांटा में आयोजित सांसद प्रदीप कुमार सिंह के सम्मान समारोह में कई पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं को मंच से अपनी बात रखने का मौका दिया गया, लेकिन जिला महामंत्री के महत्वपूर्ण पद पर होते हुए भी उन्हें मंच से बोलने का अवसर नहीं दिया गया। यह निर्णय सांसद और सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल के दबाव में लिया गया था।
राकेश विश्वास ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद और विधायक ने अपने-अपने भाषण में सभी कार्यकर्ताओं का नाम लिया, लेकिन उनका नाम लेना मुनासिब नहीं समझा। यह सब भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा की मौजूदगी में हुआ, जिससे उनकी बेइज्जती की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद के स्वजातीय होने के कारण उन्हें डर है कि कहीं राकेश विश्वास राजनीति में उनसे आगे न बढ़ जाएं।
इस अपमानजनक व्यवहार और मानसिकता से आहत होकर धर्मानंद विश्वास ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष को त्यागपत्र सौंपते हुए अपनी प्राथमिक सदस्यता और जिला महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
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