ग्रामीण कार्य विभाग-2 के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में तैनात एक अवर लिपिक पर गंभीर आरोप लगे हैं। कार्यालय में कार्यरत एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने सहकर्मी क्लर्क पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में पीड़ित कर्मचारी रामदेव बैठा ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC/ST) थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में बताया गया है कि कार्यालय परिसर में किसी बात को लेकर बहस के दौरान अवर लिपिक बुधदेव प्रसाद ने कथित तौर पर न केवल अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि जातिगत अपमानजनक शब्दों का प्रयोग भी किया। पीड़ित का कहना है कि इस घटना ने उसे मानसिक रूप से आहत किया है और वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
रामदेव बैठा ने अपनी शिकायत में प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर इस तरह का व्यवहार न केवल व्यक्तिगत सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाता है।
फिलहाल, एससी/एसटी थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। विभागीय स्तर पर भी मामले को लेकर हलचल मची हुई है और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की जा रही है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
ग्रामीण कार्य विभाग-2 के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में तैनात एक अवर लिपिक पर गंभीर आरोप लगे हैं। कार्यालय में कार्यरत एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने सहकर्मी क्लर्क पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में पीड़ित कर्मचारी रामदेव बैठा ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC/ST) थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में बताया गया है कि कार्यालय परिसर में किसी बात को लेकर बहस के दौरान अवर लिपिक बुधदेव प्रसाद ने कथित तौर पर न केवल अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि जातिगत अपमानजनक शब्दों का प्रयोग भी किया। पीड़ित का कहना है कि इस घटना ने उसे मानसिक रूप से आहत किया है और वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
रामदेव बैठा ने अपनी शिकायत में प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर इस तरह का व्यवहार न केवल व्यक्तिगत सम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाता है।
फिलहाल, एससी/एसटी थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। विभागीय स्तर पर भी मामले को लेकर हलचल मची हुई है और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की जा रही है।
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