सारस न्यूज़, अररिया।
बैठक में उपस्थित प्रखंड की रसोइया
राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइयों ने रविवार को बाढ़ चबूतरा पर एक बैठक आयोजित की। उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कोर्ट के डबल बेंच में अपील करने पर जोर दिया।
बैठक का आयोजन राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों के काम की सुरक्षा, उन्हें जीने लायक पारिश्रमिक का भुगतान सुनिश्चित कराने, और अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया। राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया फ्रंट के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव रामकृपाल के नेतृत्व में रसोइयों ने बैठक की और बाद में एक ज्ञापन बीडीओ शशिभूषण सुमन को सौंपा।

महासचिव रामकृपाल ने कहा कि एमडीएम योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्य कर रहे रसोइयों की स्थिति वर्तमान में बंधुआ मजदूरों से भी बदतर है। उनके काम की कोई सुरक्षा नहीं है, और उन्हें जीने लायक पारिश्रमिक भी नहीं दिया जाता है। इन्हें विद्यालय में मनमाने ढंग से रखा और निकाला जाता है। कार्यरत रसोइयों का कार्य स्थायी प्रकृति का है, और उन्हें बार-बार निकालकर नए रसोइयों को रखना मानवाधिकार और विधिक परंपरा के खिलाफ है।
बैठक में रसोइयों ने कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं, जिनमें शामिल हैं: हर वर्ष होने वाली प्रक्रिया को समाप्त करना, पिछले सत्र में कार्यरत रसोइयों का ही चयन करना, एमडीएम योजना में ठेकेदारी को रोकना, कार्यरत रसोइयों को राजनीतिक द्वेष से हटाना, दिनोदिन बढ़ती महंगाई के मद्देनजर मानदेय को दस हजार रुपये प्रतिमाह करना, सभी रसोइयों को भविष्य निधि योजना का लाभ देना, महिला रसोइयों को वर्ष में दो सूती साड़ियां और पुरुष रसोइयों को पैंट-शर्ट देना, सरकार की तरफ से पांच लाख का जीवन बीमा मुफ्त में करना, और मानदेय का भुगतान हर माह 7 तारीख तक सुनिश्चित करना।
रसोइयों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस माह में मानदेय और न्यूनतम मजदूरी नहीं मिली, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस दौरान अरविंद यादव, उषा देवी, गुलाबचंद, संचालक योगेंद्र ठाकुर, और प्रखंड अध्यक्ष मुन्नी देवी भी मौजूद रहे।