गरीब भू-पर्चाधारियों को दखल कब्जा दिलाने, बासगीत पर्चा देने व भूमिहीनों को आवास भूमि देने, जमीन नामंत्रण दाखिल खारिज में अवैध वसूली आदि मुद्दों को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने अररिया प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में शामिल नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सामाजिक आर्थिक सर्वे में आवासहीनता की भयावह तस्वीर उभरकर सामने आई है। यह बिहार की गरीबी का सबसे बड़ा आधार है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घरों को उजाड़ा जा रहा है। जमीन की मिल्कियत नहीं रहने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना में उनके नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से कई मांगों को सरकार व प्रशासन के समक्ष रखा गया व त्वरित निष्पादन की अपेक्षा की गई है। बताया गया कि मांगों में मुख्य रूप से अंचल में जहां जो पूर्व में भूमिहीनों को पर्चा मिला है। उस पर दखल देहानी का विशेष अभियान चलाया जाए अंचल के अंदर भूमिहीन परिवारों की सूची प्रशासन तैयार करे व आवासीय भूमि आवंटित करे। हर पंचायत में भूमिहीनों की कॉलोनी बनाई जाए। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के दलित गरीबों के उजाड़ने पर रोक लगे। नया बटाईदारी कानून राज्य सरकार बनाएं। दलित गरीबों को समय सीमा के भीतर 72 हजार सालाना आय से कम का गरीब का आय प्रमाण-पत्र जारी करे। आवेदित आवेदन का यथाशीघ्र प्रमाण पत्र जारी हो। सरकार की घोषणानुसार मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत लाख रुपए की सहायता का पोर्टल स्थाई तौर पर शुरू करे। मौके पर माले नेता इंद्रानंद पासवान, माले नेता जितेंद्र पासवान, मो इस्माइल, मुस्ताकुर रहमान सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
सारस न्यूज, अररिया।
गरीब भू-पर्चाधारियों को दखल कब्जा दिलाने, बासगीत पर्चा देने व भूमिहीनों को आवास भूमि देने, जमीन नामंत्रण दाखिल खारिज में अवैध वसूली आदि मुद्दों को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने अररिया प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में शामिल नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सामाजिक आर्थिक सर्वे में आवासहीनता की भयावह तस्वीर उभरकर सामने आई है। यह बिहार की गरीबी का सबसे बड़ा आधार है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घरों को उजाड़ा जा रहा है। जमीन की मिल्कियत नहीं रहने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना में उनके नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से कई मांगों को सरकार व प्रशासन के समक्ष रखा गया व त्वरित निष्पादन की अपेक्षा की गई है। बताया गया कि मांगों में मुख्य रूप से अंचल में जहां जो पूर्व में भूमिहीनों को पर्चा मिला है। उस पर दखल देहानी का विशेष अभियान चलाया जाए अंचल के अंदर भूमिहीन परिवारों की सूची प्रशासन तैयार करे व आवासीय भूमि आवंटित करे। हर पंचायत में भूमिहीनों की कॉलोनी बनाई जाए। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के दलित गरीबों के उजाड़ने पर रोक लगे। नया बटाईदारी कानून राज्य सरकार बनाएं। दलित गरीबों को समय सीमा के भीतर 72 हजार सालाना आय से कम का गरीब का आय प्रमाण-पत्र जारी करे। आवेदित आवेदन का यथाशीघ्र प्रमाण पत्र जारी हो। सरकार की घोषणानुसार मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत लाख रुपए की सहायता का पोर्टल स्थाई तौर पर शुरू करे। मौके पर माले नेता इंद्रानंद पासवान, माले नेता जितेंद्र पासवान, मो इस्माइल, मुस्ताकुर रहमान सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
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