सारस न्यूज़, अररिया।
फारबिसगंज:
फारबिसगंज के ऐतिहासिक काली मेला परिसर स्थित नगर परिषद की सरकारी भूमि पर वर्षों से हो रहे अतिक्रमण को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को अनुमंडल प्रशासन ने विशेष अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया और अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी कि वे तत्काल अपनी झोपड़ियाँ हटाकर सिमराहा में आवंटित ज़मीन पर शिफ्ट हों, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अतिक्रमण के विरोध में सामने आए लोग, बोले – “हम भूमिहीन हैं”
बुधवार को नगर परिषद द्वारा उक्त ज़मीन की घेराबंदी करने के दौरान स्थानीय अतिक्रमणकारियों ने जमकर विरोध किया। जैसे ही इस बात की जानकारी अनुमंडल प्रशासन को मिली, एसडीओ रंजीत कुमार रंजन, एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, नप ईओ सूर्यनंद सिंह और फारबिसगंज थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
विरोध कर रहे लोगों ने बताया कि वे भूमिहीन हैं और उनके पास रहने के लिए कोई और विकल्प नहीं है। वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें पहले वैकल्पिक ज़मीन दे, तभी वे स्थान खाली करेंगे।
एसडीओ ने सुनी बात, पर दिया दो-टूक निर्देश
एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने अतिक्रमणकारियों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं लेकिन स्पष्ट किया कि:
“यह सरकारी भूमि है, इसे खाली करना अनिवार्य है। प्रशासन द्वारा सिमराहा में आवंटित भूमि पर सभी पात्र परिवारों को बसाया जाएगा और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मिलेगा।”
सर्वे और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू
एसडीओ ने मौजूद अंचलाधिकारी ललन ठाकुर को निर्देश दिया कि वे अतिक्रमण करने वाले परिवारों की सूची बनाएं और सर्वे करें कि कितने परिवार वास्तव में भूमिहीन हैं। पात्र लोगों को “रेन बसेरा टू योजना” के अंतर्गत सिमराहा में बसाया जाएगा।
पूर्व की कार्रवाई और वर्तमान स्थिति
उल्लेखनीय है कि 15 मई को तत्कालीन एसडीओ शैलजा पांडेय के नेतृत्व में प्रशासन ने इसी स्थान पर अतिक्रमण हटाया था। लेकिन कार्रवाई के बाद भी कई परिवार वहीं टूटी-फूटी झोपड़ियों में रह रहे हैं और ज़मीन को खाली नहीं कर रहे हैं। हाल ही में नगर परिषद द्वारा घेराबंदी के प्रयासों का फिर से विरोध किया गया।