सारस न्यूज़, अररिया।
बदलते मौसम की मार ने अररिया जिले के मक्का किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सैकड़ों किसानों की खेतों में खड़ी मक्का फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ प्रशासनिक उदासीनता ने किसानों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जन सुराज पार्टी के नेता और “अररिया का मुद्दा” अभियान के संचालक फैसल जावेद यासीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कृषि मंत्री और जिलाधिकारी अनिल कुमार को एक विस्तृत ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन ई-मेल के माध्यम से भेजा गया है, जिसमें किसानों को तत्काल राहत और स्थायी समाधान की पाँच ठोस माँगें रखी गई हैं।
📜 ज्ञापन में शामिल प्रमुख माँगें:
- अररिया जिले को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए और किसानों को मक्का फसल की क्षति पर राहत राशि प्रदान की जाए।
- बर्बाद फसल का पारदर्शी एवं त्वरित सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाए।
- हर प्रखंड स्तर पर मक्का सुखाने हेतु स्थायी ढांचे (जैसे ड्रायर, शेड व गोदाम) स्थापित किए जाएं।
- मक्का की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अनिवार्य खरीद की व्यवस्था लागू की जाए।
- जिन किसानों ने कृषि मीटर के लिए आवेदन किया है, उन्हें अगली फसल से पहले विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए।
फैसल ने पत्र में लिखा कि भारी वर्षा के कारण मक्का की फसल खेतों में ही सड़ रही है। न मक्का सुखाने की कोई व्यवस्था है और न ही MSP पर खरीद की। मजबूर किसान औने-पौने दामों में अपनी फसल बेचने को विवश हैं, तो कई को तो फसल खेत में ही छोड़नी पड़ रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब किसान बचे-खुचे फसल को ट्रैक्टर से ले जाते हैं, तो पुलिस-प्रशासन चालान के नाम पर अवैध वसूली करता है, जिससे किसान आर्थिक रूप से और अधिक टूट रहे हैं।
फैसल जावेद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए व्यक्तिगत संज्ञान लें और किसानों के प्रति सरकार अपनी संवेदनशीलता का परिचय दे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक विफलता भी है, जिसने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। सरकार अब भी मूकदर्शक बनी हुई है।”