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महसूस हो रही है दार्जलिंग जैसी ठंड, रात में सुकून न दिन में मिल रहा चैन, अररिया बना शिमला।

सारस न्यूज, अररिया।

मौसम का मिजाज: शहर में बांस-बत्ती का इंतजाम कर ठंड से जंग लड़ते दिख रहे सभी तबके के लोग

  • इस भीषण ठंड के बीच शहर में अररिया नप जलावन की लकड़ी देने में हो रहा फेल्योर साबित
  • 7.9 रहा न्यूनतम तापमान चार दिन सतायेगी ठंड


  • जिले में शीतलहर व सर्द कर देनेवाली ठंडी हवा के कारण कंपकंपी बनी रही। बीते 03 दिन से दिन भर सूर्यदेव के प्रकट नहीं होने से महिला बच्चे बूढ़े अपने अपने घरों में दुबके हुए हैं। इधर डीएम द्वारा भी 02 रोज की छुट्टी सभी विद्यालयों में कर दी गई है। ठंड की स्थिति को देखते हुए यह बढ़ाया भी जा सकता है। दिन हो या शाम, ठंड ने लोगों को जल्दी घर में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया है। बीते कई दिनों से सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। पूरे जिले में दार्जलिंग शिमला जैसी ठंड का एहसास लोग कर रहे। रात में न सुकून है, दिन में चैन। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण अभी ठंड और 04 दिन सतायेगी। सुबह के समय कोहरा छाने के भी आसार हैं तो शाम को गलन बढ़ जायेगी। शहर में रात में यात्रा करने वाले राहगीरों, किसानों, चालकों व अस्पताल में आने वाले मरीजों के अभिभावकों व परिजन पर ठंड भारी पड़ रही। फुटपाथ पर रात बिताने वालों को अलाव का ही सहारा है। जो अररिया नप द्वारा शहर में जलावन देने में फेल्योर साबित हो रही है। हर तबके के लोग शहर में कूड़ा, बांस-बत्ती, रद्दी कागज व अन्य सामग्री जलाकर ठंड से जंग लड़ते देखे जा रहे हैं। चांदनी चौक, स्टेशन रोड, नगर थाना, रेलवे स्टेशन हो या बस स्टैंड, अस्पताल के गेट पर भी कमोबेश यही नजारा देखा जा रहा है।सर्वाधिक ठंड का असर सुबह रहा। रात की बात कौन करे। सुबह 08 बजे तक शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग कंबल व रजाई से बाहर नहीं निकल पा रहे। दोपहर में भी चारों तरफ कोहरे का माहौल रहा। केवीके के एसएमएस प्रभात कुमार ने बताया कि अधिकतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो सामान्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस कम है। शाम के 06 बजे से शहर फिर ठंड की आगोश में समा गया। न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।, जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस के आसपास कम है।
  • शहर में अलाव नहीं जलने से राहगीरों की मुश्किलें बढ़ी

अररिया नप क्षेत्र में अलाव नहीं जलने से राहगीरों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. ठंड अपने शबाब पर है. हाथ-पैर सुन्न हो रहा है। बाइक से चलने वालों को अलाव की जरूरत महसूस हो रही है। नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों को लोगों की जान की परवाह नहीं है। इन दिनों नमी के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है। दिन में एक्यूआइ का स्तर गिर गया है। जानकारों की मानें तो नमी के कारण धूल के कण ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। इसके साथ ही जहां-तहां अलाव में टायर, कूड़ा, कचरा जलाये जाने के कारण भी प्रदूषण का लेवल बढ़ा है। शहर में दिन ब दिन वाहनों का परिचालन बढ़ने के कारण वाहनों के अधिक चलने व शहर में जाम के कारण भी इस पर असर पड़ा है।

इधर खबर के लिखे जाने तक अररिया नप द्वारा शहर में जलावन की लकड़ी के न होने की जानकारी लेने पर सिटी मैनेजर आदर्श शिवम ने बताया कि शाम से लकड़ियाँ गिराई जा रही है। सर्वप्रथम अररिया आरएस में लकड़ियाँ गिराई गई है। अब अररिया शहर के हरेक चौक-चौराहे पर जलावन की लकड़ियाँ गिराई जा रही है। हालांकि सरकार द्वारा आपदा विभाग फंड से अररिया नप को महज 35 हजार रुपये की ही राशि दी गई है, जो पूरे शहर के लिए बहुत कम है। वहीं वन विभाग द्वारा जलावन की लकड़ी देने में असमर्थता जतायी जा रही है। उनके द्वारा टिंबर दिया जा रहा है, जिसमें समय व राशि का भी नुकसान है। फिलहाल किसी तरह से समय समय पर अररिया नप क्षेत्र के चौक चौराहे पर जलावन की व्यवस्था की जा रही है। वहीं शहर के हरेक चौक चौराहे के स्थानीय आम लोगों से जानकारी लेने पर बताया गया कि इतने दिनों के भीषण ठंड में अररिया नप द्वारा एक दिन जलावन की लकड़ी आग जलाने के लिए दी गई है।

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