फारबिसगंज। अनुमंडल प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारी अभी से तेज कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने बाढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा लेते हुए परमान नदी के किनारे स्थित पिपरा, कुशमाहा, उसरी घाट और गढ़हा समेत आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया।
निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने परमान नदी के तटबंधों की स्थिति का सूक्ष्मता से आकलन किया और इन इलाकों में बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थलों की व्यवस्था की भी जांच की। एसडीओ के साथ मौके पर सीओ ललन कुमार ठाकुर, राजस्व कर्मचारी मनीष कुमार, दशरथ शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों से भी फीडबैक लिया कि मानसून के समय किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने पानी के तेज बहाव, कटाव और बाढ़ के दौरान गांव से संपर्क टूटने जैसी समस्याएं साझा कीं।
एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने निरीक्षण के बाद उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहना होगा, ताकि समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।
प्रशासन की इस सक्रियता से स्थानीय लोगों में राहत की भावना देखी गई और उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार बाढ़ से निपटने में पहले से बेहतर तैयारी देखने को मिलेगी।
सारस न्यूज़, अररिया।
फारबिसगंज। अनुमंडल प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारी अभी से तेज कर दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने बाढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा लेते हुए परमान नदी के किनारे स्थित पिपरा, कुशमाहा, उसरी घाट और गढ़हा समेत आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया।
निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने परमान नदी के तटबंधों की स्थिति का सूक्ष्मता से आकलन किया और इन इलाकों में बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थलों की व्यवस्था की भी जांच की। एसडीओ के साथ मौके पर सीओ ललन कुमार ठाकुर, राजस्व कर्मचारी मनीष कुमार, दशरथ शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों से भी फीडबैक लिया कि मानसून के समय किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने पानी के तेज बहाव, कटाव और बाढ़ के दौरान गांव से संपर्क टूटने जैसी समस्याएं साझा कीं।
एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने निरीक्षण के बाद उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहना होगा, ताकि समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।
प्रशासन की इस सक्रियता से स्थानीय लोगों में राहत की भावना देखी गई और उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार बाढ़ से निपटने में पहले से बेहतर तैयारी देखने को मिलेगी।
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