• Sun. Sep 14th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

साहित्य संध्या में बिरीजू बाबू को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, गीत-ग़ज़ल और कविताओं ने छुआ दिलों को।

सारस न्यूज, वेब डेस्क।


रविवार की शाम फारबिसगंज स्थित जगदीश मिल्स परिसर साहित्य प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक संगम स्थल बन गया, जहां साहित्य, संगीत और स्मृतियों का अनूठा मेल देखने को मिला। इस अवसर पर महान कथा लेखक फणीश्वरनाथ रेणु के घनिष्ठ मित्र रहे दिवंगत बृजमोहन बांयवाला, जिन्हें स्थानीय लोग स्नेहपूर्वक ‘बिरजू बाबू’ कहकर पुकारते थे, की स्मृति में एक विशेष साहित्यिक संध्या का आयोजन किया गया।

इस काव्य-गोष्ठी में गीत, ग़ज़ल और कविताओं की सुरमयी प्रस्तुति ने श्रोताओं को भीतर तक झकझोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार विद्यासागर गुप्ता ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में बिरजू बाबू की साहित्यिक रुचियों, सामाजिक सरोकारों और रेणु जी से उनके आत्मीय संबंधों को याद करते हुए उन्हें एक सजग साहित्य-प्रेमी और मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पित व्यक्तित्व बताया।

इस अवसर पर कई स्थानीय कवियों, लेखकों और शायरों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से बिरजू बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की। मंच पर हेमंत यादव, हसमत सिद्दीकी, अनुज प्रभात, आलोक दुगड़, जयंत पांडिया और रुचिरा गुप्ता सहित अन्य साहित्य साधकों ने अपनी भावनात्मक कविताएं, ग़ज़लें और नज़्में प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक सुर में बिरजू बाबू की साहित्यिक सेवाओं और उनके स्मृतिशेष को नमन करते हुए ऐसी गोष्ठियों को निरंतर आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस साहित्यिक संध्या ने यह सिद्ध कर दिया कि शब्दों की शक्ति समय की सीमाओं को पार कर, स्मृतियों को जीवित रखने में सक्षम है। फारबिसगंज की यह सांझ न सिर्फ एक श्रद्धांजलि थी, बल्कि साहित्यिक धरोहरों को संजोने का एक जीवंत प्रयास भी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *