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फारबिसगंज में 18 मई को वक़्फ़ संशोधन कानून के खिलाफ ऐतिहासिक जनसभा।

सारस न्यूज़, अररिया।

मुख्य वक्ता: मौलाना उमरैन महफूज रहमानी और शम्स तबरेज कासमी


वक़्फ़ संशोधन कानून के खिलाफ और वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा पर गंभीर चर्चा करने के लिए आगामी 18 मई, 2025 को फारबिसगंज में एक ऐतिहासिक जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस सभा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव, मौलाना उमरैन महफूज रहमानी और मिल्लत टाइम्स के एडिटर शम्स तबरेज कासमी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।

सभा की तैयारियों को लेकर सीमांचल अधिकार मंच द्वारा एक अहम बैठक का आयोजन फारबिसगंज के रामपुर दक्षिण स्थित न्यू कैरिडेबल पब्लिक स्कूल में किया गया, जिसकी अध्यक्षता मौलाना फारूक साहब ने की। बैठक में दर्जनों समाजसेवियों, उलेमाओं, बुद्धिजीवियों और नागरिकों ने भाग लिया।

बैठक में वक्ताओं ने वक़्फ़ संशोधन कानून को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। उन्होंने इस कानून को वक़्फ़ संपत्तियों पर सरकारी दखल को वैध बनाने वाला बताया, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। सीमांचल अधिकार मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद ने कहा, “हम इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके खिलाफ हमारी आवाज़ हमेशा उठती रहेगी।”

यह जनसभा वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा और धार्मिक स्वायत्तता की लड़ाई को और भी मज़बूत करने का अवसर बनेगी। इस सभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे, जो इसे एक ऐतिहासिक घटना बनाएंगे।

बैठक के दौरान बताया गया कि जनसभा की रणनीति और रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए अगली बैठक 08 मई, 2025 को दोपहर 03 बजे कूढ़ेली स्थित मदरसा मजहरुल उलूम में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में मंच के सचिव इकराम अंसारी, मौलाना फिरोज नोमानी, मुफ्ती अब्दुल रशीद, मौलाना आश मोहम्मद, मौलाना दिलशाद वासिल, सरपंच प्रतिनिधि मुख्तार आलम, अदनान सामी, राशिद जुनैद, मुफ्ती याकूब और कई अन्य लोग उपस्थित रहेंगे।

जनसभा के आयोजन के लिए पूरी टीम ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि यह जनसभा सीमांचल में धार्मिक और सामाजिक मामलों पर एक अहम मोड़ साबित होगी।

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