विहिप की पहल पर त्रिसूलिया घाट पर देव दीपावली और महाआरती का आयोजन।
काशी की तर्ज पर जिला मुख्यालय में आयोजित देव दीपावली के महाआरती कार्यक्रम में शुक्रवार को परमान नदी का त्रिसूलिया घाट 5,051 दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बनारस से आए पुरोहितों ने महाआरती संपन्न कराई। दीपों की कतारों से सजे त्रिसूलिया घाट और परमान नदी के स्थिर जल में प्रतिबिंबित उनकी रोशनी का नजारा अद्भुत और अलौकिक था। इस नजारे को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
महाआरती और दीपोत्सव का आयोजन
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जिला इकाई द्वारा आयोजित इस महाआरती में पांच हजार से अधिक दीप जलाए गए। बनारस से आए पांच पुरोहितों ने अलग-अलग मंचों पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की। आयोजन समिति ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत चार वर्ष पहले हुई थी, और तब से यह श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। फूलों और रंगोली से बने स्वास्तिक, जय श्री राम और ओम के आकार में सजे दीपों ने घाट की सुंदरता को चार चांद लगा दिए। शंखनाद के साथ शुरू हुई महाआरती में श्रद्धालु भक्ति और आस्था के सागर में डूबे नजर आए।
त्रिसूलिया घाट की विशेष सजावट
त्रिसूलिया घाट को भगवा पताकाओं और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं के बैठने की विशेष व्यवस्था और पार्किंग की सुविधा से आयोजन व्यवस्थित रहा।
महिलाओं की विशेष टोली का योगदान
विहिप की महिला टोली ने दीप जलाने और श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी महिलाओं ने बखूबी निभाई।
विहिप कार्यकर्ताओं का गणवेश बना आकर्षण का केंद्र
भगवा कुर्ता, सफेद पायजामा और पीले गमछे में सजे विहिप के सदस्य आयोजन में सक्रिय रहे। जिला उपाध्यक्ष संतोष झा और जिला मंत्री शुभम चौधरी ने आयोजन की मॉनीटरिंग की। महाआरती में विहिप के वरिष्ठ मार्गदर्शक मोहन दास, जिलाध्यक्ष विजय कुमार देव, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, महिला मोर्चा प्रवक्ता कनकलता झा, ब्रह्मा कुमारी उर्मिला बहन, और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों श्रद्धालु, महिलाएं और बच्चे आयोजन में शामिल हुए। देव दीपावली के इस धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान ने परमान नदी के त्रिसूलिया घाट को अद्भुत आभा प्रदान की, जिसे श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया।
सारस न्यूज़, अररिया।
विहिप की पहल पर त्रिसूलिया घाट पर देव दीपावली और महाआरती का आयोजन।
काशी की तर्ज पर जिला मुख्यालय में आयोजित देव दीपावली के महाआरती कार्यक्रम में शुक्रवार को परमान नदी का त्रिसूलिया घाट 5,051 दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बनारस से आए पुरोहितों ने महाआरती संपन्न कराई। दीपों की कतारों से सजे त्रिसूलिया घाट और परमान नदी के स्थिर जल में प्रतिबिंबित उनकी रोशनी का नजारा अद्भुत और अलौकिक था। इस नजारे को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
महाआरती और दीपोत्सव का आयोजन
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जिला इकाई द्वारा आयोजित इस महाआरती में पांच हजार से अधिक दीप जलाए गए। बनारस से आए पांच पुरोहितों ने अलग-अलग मंचों पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की। आयोजन समिति ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत चार वर्ष पहले हुई थी, और तब से यह श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। फूलों और रंगोली से बने स्वास्तिक, जय श्री राम और ओम के आकार में सजे दीपों ने घाट की सुंदरता को चार चांद लगा दिए। शंखनाद के साथ शुरू हुई महाआरती में श्रद्धालु भक्ति और आस्था के सागर में डूबे नजर आए।
त्रिसूलिया घाट की विशेष सजावट
त्रिसूलिया घाट को भगवा पताकाओं और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं के बैठने की विशेष व्यवस्था और पार्किंग की सुविधा से आयोजन व्यवस्थित रहा।
महिलाओं की विशेष टोली का योगदान
विहिप की महिला टोली ने दीप जलाने और श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भी महिलाओं ने बखूबी निभाई।
विहिप कार्यकर्ताओं का गणवेश बना आकर्षण का केंद्र
भगवा कुर्ता, सफेद पायजामा और पीले गमछे में सजे विहिप के सदस्य आयोजन में सक्रिय रहे। जिला उपाध्यक्ष संतोष झा और जिला मंत्री शुभम चौधरी ने आयोजन की मॉनीटरिंग की। महाआरती में विहिप के वरिष्ठ मार्गदर्शक मोहन दास, जिलाध्यक्ष विजय कुमार देव, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, महिला मोर्चा प्रवक्ता कनकलता झा, ब्रह्मा कुमारी उर्मिला बहन, और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों श्रद्धालु, महिलाएं और बच्चे आयोजन में शामिल हुए। देव दीपावली के इस धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान ने परमान नदी के त्रिसूलिया घाट को अद्भुत आभा प्रदान की, जिसे श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया।
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