महिला संवाद कार्यक्रम अररिया जिले में लगातार जारी है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत ही आशा और उत्साह के साथ हो रही है। इस कार्यक्रम में महिलाएं भाग लेकर अपनी समस्याओं को भी रखती हैं, जिनका समाधान भी धीरे-धीरे होने लगा है। इससे इस कार्यक्रम की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
महिला संवाद के 53वें दिन सोमवार को भी यह कार्यक्रम 36 स्थानों पर संपन्न हुआ, जिसे 18 संवाद रथ की मदद से पूरा किया गया। हर दिन ये 18 रथ दो पालियों में कार्यक्रम को संपन्न कराते हैं, जिसकी मदद से एक दिन में 36 स्थानों पर यह कार्यक्रम संभव हो पाता है। इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं शिरकत करने आती हैं। सोमवार को सभी 36 जगहों को मिलाकर करीब 7123 महिलाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
महिला संवाद में आने वाली महिलाएं अपनी आकांक्षाएं बड़े ही सहज भाव से व्यक्त कर रही हैं। महिलाओं द्वारा क्षेत्र में रोज़ी-रोज़गार से संबंधित सुविधाओं की मांग, क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा की मांग, पर्याप्त संख्या में डॉक्टर एवं नर्स की नियुक्ति-प्रतिनियुक्ति की मांग, सड़कों की मांग, नल-जल आदि सुविधाओं की मांग, आधार केंद्र की मांग, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार आदि की मांग की जा रही है। इसके अलावा, इनके द्वारा बाढ़ से बचाव एवं बाढ़ के उचित प्रबंधन की मांग भी लगातार की जा रही है। साथ ही, उनके सामने रोजगार के लिए पलायन की भी समस्या है। रोजगार के अभाव में बड़ी संख्या में यहां से लोगों का पलायन दूसरे शहरों में होता है। सरकार को इसे रोकने के लिए उचित प्रबंध करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
इसके अतिरिक्त महिलाएं खुद के लिए रोजगार की मांग भी लगातार कर रही हैं। उनका कहना है कि अगर महिलाओं के लिए भी रोजगार की कोई व्यवस्था हो, तो बहुत ही अच्छा होगा। महिलाओं का कहना है कि उनके पास हुनर है, लेकिन उचित माहौल और मदद नहीं मिलने के कारण उनके हुनर का कोई उपयोग नहीं हो पाता। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार नहीं हो रहा है। इसलिए, सरकार को महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने के उपाय करने की आवश्यकता है। इससे महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास हो सकेगा।
सारस न्यूज, अररिया।
महिला संवाद कार्यक्रम अररिया जिले में लगातार जारी है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत ही आशा और उत्साह के साथ हो रही है। इस कार्यक्रम में महिलाएं भाग लेकर अपनी समस्याओं को भी रखती हैं, जिनका समाधान भी धीरे-धीरे होने लगा है। इससे इस कार्यक्रम की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
महिला संवाद के 53वें दिन सोमवार को भी यह कार्यक्रम 36 स्थानों पर संपन्न हुआ, जिसे 18 संवाद रथ की मदद से पूरा किया गया। हर दिन ये 18 रथ दो पालियों में कार्यक्रम को संपन्न कराते हैं, जिसकी मदद से एक दिन में 36 स्थानों पर यह कार्यक्रम संभव हो पाता है। इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं शिरकत करने आती हैं। सोमवार को सभी 36 जगहों को मिलाकर करीब 7123 महिलाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
महिला संवाद में आने वाली महिलाएं अपनी आकांक्षाएं बड़े ही सहज भाव से व्यक्त कर रही हैं। महिलाओं द्वारा क्षेत्र में रोज़ी-रोज़गार से संबंधित सुविधाओं की मांग, क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा की मांग, पर्याप्त संख्या में डॉक्टर एवं नर्स की नियुक्ति-प्रतिनियुक्ति की मांग, सड़कों की मांग, नल-जल आदि सुविधाओं की मांग, आधार केंद्र की मांग, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार आदि की मांग की जा रही है। इसके अलावा, इनके द्वारा बाढ़ से बचाव एवं बाढ़ के उचित प्रबंधन की मांग भी लगातार की जा रही है। साथ ही, उनके सामने रोजगार के लिए पलायन की भी समस्या है। रोजगार के अभाव में बड़ी संख्या में यहां से लोगों का पलायन दूसरे शहरों में होता है। सरकार को इसे रोकने के लिए उचित प्रबंध करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
इसके अतिरिक्त महिलाएं खुद के लिए रोजगार की मांग भी लगातार कर रही हैं। उनका कहना है कि अगर महिलाओं के लिए भी रोजगार की कोई व्यवस्था हो, तो बहुत ही अच्छा होगा। महिलाओं का कहना है कि उनके पास हुनर है, लेकिन उचित माहौल और मदद नहीं मिलने के कारण उनके हुनर का कोई उपयोग नहीं हो पाता। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार नहीं हो रहा है। इसलिए, सरकार को महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने के उपाय करने की आवश्यकता है। इससे महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास हो सकेगा।
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