गुस्ताख़े रसूल के खिलाफ 26 अक्टूबर को निकाला जाएगा शांति जुलूस, शाहजहां शाद
सीमांचल अधिकार मंच की एक आवश्यक और महत्वपूर्ण बैठक मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद की अध्यक्षता में, और एकराम अंसारी एवं मौलाना अब्दुर रहमान कासमी के संयुक्त संचालन में आलम टोला में आयोजित की गई।
बैठक में उपस्थित लोगों ने अपने संबोधन में कहा कि गुस्ताख़े रसूल नरसिम्हानंद और उसके अनुयायियों ने इंसानियत के पैगंबर, मानवता और शांति का संदेश देने वाले पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर पूरी इंसानियत को झकझोर दिया है। इसके विरोध में विश्व भर के स्कॉलर और पैगंबर मुहम्मद के अनुयायी उनकी घोर निंदा कर रहे हैं। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने नरसिम्हानंद के बयान की कड़ी निंदा की और सरकार द्वारा अब तक उसकी गिरफ्तारी न किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नरसिम्हानंद की अविलंब गिरफ्तारी के लिए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही आगामी 26 अक्टूबर, शनिवार को गुस्ताख़े रसूल के खिलाफ एक शांति जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया जाएगा।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि देश में ऐसे असामाजिक तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जो अशांति फैलाकर खुलेआम घूम रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां सभी धर्मों का सम्मान समान है। कोई भी व्यक्ति अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और न्यायपालिका को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने और कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि देश में संविधान की धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की भावना को बरकरार रखा जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के कारण वैश्विक स्तर पर भारत की छवि खराब हो रही है। न्यायपालिका को इस तरह के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” की भावना जीवित रहे।
गुस्ताख़े रसूल के खिलाफ 26 अक्टूबर को निकाला जाएगा शांति जुलूस, शाहजहां शाद
सीमांचल अधिकार मंच की एक आवश्यक और महत्वपूर्ण बैठक मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद की अध्यक्षता में, और एकराम अंसारी एवं मौलाना अब्दुर रहमान कासमी के संयुक्त संचालन में आलम टोला में आयोजित की गई।
बैठक में उपस्थित लोगों ने अपने संबोधन में कहा कि गुस्ताख़े रसूल नरसिम्हानंद और उसके अनुयायियों ने इंसानियत के पैगंबर, मानवता और शांति का संदेश देने वाले पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर पूरी इंसानियत को झकझोर दिया है। इसके विरोध में विश्व भर के स्कॉलर और पैगंबर मुहम्मद के अनुयायी उनकी घोर निंदा कर रहे हैं। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने नरसिम्हानंद के बयान की कड़ी निंदा की और सरकार द्वारा अब तक उसकी गिरफ्तारी न किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नरसिम्हानंद की अविलंब गिरफ्तारी के लिए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही आगामी 26 अक्टूबर, शनिवार को गुस्ताख़े रसूल के खिलाफ एक शांति जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया जाएगा।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि देश में ऐसे असामाजिक तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जो अशांति फैलाकर खुलेआम घूम रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां सभी धर्मों का सम्मान समान है। कोई भी व्यक्ति अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और न्यायपालिका को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने और कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि देश में संविधान की धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की भावना को बरकरार रखा जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के कारण वैश्विक स्तर पर भारत की छवि खराब हो रही है। न्यायपालिका को इस तरह के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” की भावना जीवित रहे।