अररिया आरएस थाना क्षेत्र के रूपेली वार्ड संख्या-05 में रविवार दोपहर एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब एक सियार ने तीन साल की मासूम बच्ची पर अचानक हमला कर दिया। बच्ची अफसाना बेगम, पिता – अमिनूर, अन्य बच्चों के साथ ईंट भट्ठे के पास खेल रही थी, तभी अचानक सियार ने उसे दबोच लिया।
घटना दोपहर करीब 1 बजे की है। जैसे ही सियार ने हमला किया, पास में मौजूद एक बच्चे ने शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्ची को सियार के चंगुल से छुड़ाया। बच्ची को गंभीर अवस्था में परिजन सदर अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज जारी है।
फोटो कैप्शन: सदर अस्पताल में मां और परिजन के साथ इलाजरत अफसाना
बच्ची के माता-पिता ईंट भट्ठे में मजदूरी करते हैं और वहीं पास स्थित झोपड़ी में परिवार के साथ रहते हैं। चिकित्सकों के अनुसार, अफसाना के शरीर पर काटने और खरोंच के कई निशान हैं, और उसे विशेष चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है।
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन और वन विभाग से की कार्रवाई की मांग घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। मजदूरों और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आसपास के मकई खेतों से अक्सर सियार निकलते हैं, और पहले भी ऐसे हमले हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और वन विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों ने वन विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग का बयान: राधे श्याम, रेंजर, वन विभाग, अररिया ने कहा, “घटना की हमें जानकारी नहीं थी। सियार है या जंगली कुत्ता, जांच के बाद स्पष्ट होगा। अगर इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, तो स्थानीय लोगों को सूचना देनी चाहिए। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया आरएस थाना क्षेत्र के रूपेली वार्ड संख्या-05 में रविवार दोपहर एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब एक सियार ने तीन साल की मासूम बच्ची पर अचानक हमला कर दिया। बच्ची अफसाना बेगम, पिता – अमिनूर, अन्य बच्चों के साथ ईंट भट्ठे के पास खेल रही थी, तभी अचानक सियार ने उसे दबोच लिया।
घटना दोपहर करीब 1 बजे की है। जैसे ही सियार ने हमला किया, पास में मौजूद एक बच्चे ने शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्ची को सियार के चंगुल से छुड़ाया। बच्ची को गंभीर अवस्था में परिजन सदर अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज जारी है।
फोटो कैप्शन: सदर अस्पताल में मां और परिजन के साथ इलाजरत अफसाना
बच्ची के माता-पिता ईंट भट्ठे में मजदूरी करते हैं और वहीं पास स्थित झोपड़ी में परिवार के साथ रहते हैं। चिकित्सकों के अनुसार, अफसाना के शरीर पर काटने और खरोंच के कई निशान हैं, और उसे विशेष चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है।
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन और वन विभाग से की कार्रवाई की मांग घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। मजदूरों और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आसपास के मकई खेतों से अक्सर सियार निकलते हैं, और पहले भी ऐसे हमले हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और वन विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों ने वन विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग का बयान: राधे श्याम, रेंजर, वन विभाग, अररिया ने कहा, “घटना की हमें जानकारी नहीं थी। सियार है या जंगली कुत्ता, जांच के बाद स्पष्ट होगा। अगर इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, तो स्थानीय लोगों को सूचना देनी चाहिए। जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
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