कृषि विज्ञान केंद्र इम्प्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष नित्यानंद और सचिव डॉ. विनोद कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घोषणा की है कि 5 दिसंबर को एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल और प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। यह विरोध प्रदर्शन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा गैर-आईसीएआर संस्थानों के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ किया जा रहा है।
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि “फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीआरपी” के आह्वान पर देशभर में यह हड़ताल आयोजित की जा रही है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के अंतर्गत आने वाले सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मी भी इस आंदोलन में हिस्सा लेंगे। यह कर्मी लंबे समय से मान्य सेवाओं और सुविधाओं से वंचित हैं।
कर्मचारियों ने कहा है कि हड़ताल के दौरान सभी कर्मी अपने कार्यालय तो आएंगे, लेकिन किसी भी प्रकार का आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे और न ही कोई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके बजाय, सभी कर्मचारी कार्यालय परिसर में बैनर और पोस्टर के साथ लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करेंगे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गैर-आईसीएआर संस्थानों के तहत काम करने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। इससे बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कर्मियों के अधिकारों और सेवाओं को बहाल कराने के लिए जरूरी है।
कृषि विज्ञान केंद्र इम्प्लॉय एसोसिएशन, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने इस आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने मांग की है कि कर्मियों को उनके अधिकार और सुविधाएं तुरंत बहाल की जाएं। यह राष्ट्रव्यापी कलम बंद हड़ताल किसानों और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
सारस न्यूज़, अररिया।
कृषि विज्ञान केंद्र इम्प्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष नित्यानंद और सचिव डॉ. विनोद कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घोषणा की है कि 5 दिसंबर को एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल और प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। यह विरोध प्रदर्शन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा गैर-आईसीएआर संस्थानों के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ किया जा रहा है।
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि “फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीआरपी” के आह्वान पर देशभर में यह हड़ताल आयोजित की जा रही है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के अंतर्गत आने वाले सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मी भी इस आंदोलन में हिस्सा लेंगे। यह कर्मी लंबे समय से मान्य सेवाओं और सुविधाओं से वंचित हैं।
कर्मचारियों ने कहा है कि हड़ताल के दौरान सभी कर्मी अपने कार्यालय तो आएंगे, लेकिन किसी भी प्रकार का आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे और न ही कोई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके बजाय, सभी कर्मचारी कार्यालय परिसर में बैनर और पोस्टर के साथ लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करेंगे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गैर-आईसीएआर संस्थानों के तहत काम करने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। इससे बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कर्मियों के अधिकारों और सेवाओं को बहाल कराने के लिए जरूरी है।
कृषि विज्ञान केंद्र इम्प्लॉय एसोसिएशन, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने इस आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने मांग की है कि कर्मियों को उनके अधिकार और सुविधाएं तुरंत बहाल की जाएं। यह राष्ट्रव्यापी कलम बंद हड़ताल किसानों और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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