• Sun. Oct 5th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

महिला संवाद : ग्रामीण जागरूकता और सशक्तिकरण की ओर सशक्त कदम।

सारस न्यूज़, अररिया।

ग्रामीण और सुदूर इलाकों की महिलाओं तक जागरूकता का संदेश पहुंचाने में ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम एक प्रभावी पहल के रूप में उभर कर सामने आया है। यह कार्यक्रम महिलाओं को उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं और विकास संबंधी अवसरों के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रहा है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और सजगता भी पैदा कर रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक सकारात्मक और उल्लेखनीय प्रयास माना जा रहा है।

आज अररिया जिले में महिला संवाद अभियान का 30वां दिन है। 18 अप्रैल 2025 से यह संवाद यात्रा अनवरत जारी है और लगातार जनसमुदाय विशेषकर महिलाओं को जोड़ रही है। शनिवार को जिले के 36 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए।

संवाद रथ के माध्यम से दूरदराज के गांवों में जाकर तीन प्रमुख लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया —

  1. महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा),
  2. जीविका की सफलता गाथाएं (ग्रामीण विकास विभाग द्वारा),
  3. बिहार की विकास यात्रा (मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य की उपलब्धियों पर केंद्रित)।

इसके साथ ही, महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी देने वाले सूचनात्मक लीफलेट भी वितरित किए गए। इन प्रयासों से न सिर्फ सूचना का प्रसार हो रहा है, बल्कि महिलाओं को योजनाओं का वास्तविक लाभ भी मिल रहा है।

महिलाओं की आवाज़ बन रहा है मंच
कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाएं अपने विचार और आकांक्षाएं खुलकर साझा कर रही हैं। ये बातें केवल व्यक्तिगत जरूरतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामुदायिक कल्याण से भी जुड़ी हुई हैं।

सिकटी प्रखंड की मनोरमा देवी ने बाजार और इलाज के लिए आने-जाने में होने वाली समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “गांवों में अब सड़कों की स्थिति तो बेहतर हो गई है, लेकिन सार्वजनिक परिवहन का अभाव एक बड़ी समस्या है। ऑटो रिक्शा के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। निजी साधन जिनके पास नहीं हैं, उन्हें हर बार परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार यदि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी बस सेवा शुरू करे, तो आम लोगों को बहुत राहत मिलेगी।”

निष्कर्षतः, महिला संवाद सिर्फ जानकारी का माध्यम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की आकांक्षाओं और आवाज़ों को नीति-निर्माण तक पहुंचाने का एक सशक्त मंच बनता जा रहा है। इसकी सफलता इस बात का संकेत है कि जब संवाद होता है, तो बदलाव संभव होता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *