अररिया जिले में चलाया जा रहा महिला संवाद कार्यक्रम अब महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएं इस पहल से जुड़ रही हैं, जिससे उनमें सशक्तिकरण की भावना तेज़ी से विकसित हो रही है। न केवल वे अब अपने संवैधानिक अधिकारों को समझ रही हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी उन्हें मिलने लगी है। इसका नतीजा यह है कि महिलाएं स्वयं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आ रही हैं और आत्मविश्वास से भरपूर अपने हक की आवाज़ उठा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान दिखाई जाने वाली लघु फिल्में और वितरित सूचनात्मक लीफलेट्स महिलाओं के भीतर नई चेतना जगा रहे हैं। इन्हीं माध्यमों से वे अपनी आकांक्षाओं और समस्याओं को खुलकर अभिव्यक्त कर रही हैं — चाहे वह व्यक्तिगत हो या सामाजिक।
शुक्रवार को आयोजित संवाद में महिला सहभागिता रही प्रभावशाली। इस विशेष सत्र में जीविका समूहों से जुड़ी दीदियों ने ग्राम संगठन स्तर पर स्थायी जीविका भवनों की मांग को प्रमुखता से उठाया। उनका कहना था कि कई प्रखंडों में भवन निर्माण तो हुआ है, परंतु अब यह व्यवस्था हर ग्राम संगठन के स्तर पर होनी चाहिए। इससे समूह की गतिविधियों का संचालन व्यवस्थित ढंग से किया जा सकेगा और दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिससे किराये की जगहों पर आने वाली दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी।
रोजगार को लेकर भी महिलाओं ने रखी अपनी बात अररिया सदर की पूर्णिमा देवी ने महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग की। उनका कहना था कि आज की बढ़ती महंगाई में महिलाएं भी परिवार को आर्थिक रूप से संबल देना चाहती हैं। यदि सिलाई जैसी व्यावसायिक दक्षताएं दी जाएं, तो वे आत्मनिर्भर होकर अपनी पहचान बना सकती हैं। वहीं, पारो देवी ने रोजगार के अन्य विकल्पों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया और कहा, “हम महिलाएं भी अब केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। हम भी रोज़गार करना चाहती हैं, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं। सरकार को हमारी आकांक्षाओं को गंभीरता से लेना चाहिए।”
लगातार जारी है संवाद यात्रा गौरतलब है कि यह महिला संवाद कार्यक्रम अररिया जिले में 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ है, जो अब तक लगातार जारी है। जिले भर में 18 संवाद रथ, प्रतिदिन दो पालियों में 36 अलग-अलग स्थानों पर महिला संवाद करवा रहे हैं। इस अभियान में हज़ारों महिलाएं उत्साहपूर्वक हिस्सा ले रही हैं। यह अभिनव पहल जून माह के मध्य तक जारी रहेगी और निश्चित ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले में चलाया जा रहा महिला संवाद कार्यक्रम अब महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएं इस पहल से जुड़ रही हैं, जिससे उनमें सशक्तिकरण की भावना तेज़ी से विकसित हो रही है। न केवल वे अब अपने संवैधानिक अधिकारों को समझ रही हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी उन्हें मिलने लगी है। इसका नतीजा यह है कि महिलाएं स्वयं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आ रही हैं और आत्मविश्वास से भरपूर अपने हक की आवाज़ उठा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान दिखाई जाने वाली लघु फिल्में और वितरित सूचनात्मक लीफलेट्स महिलाओं के भीतर नई चेतना जगा रहे हैं। इन्हीं माध्यमों से वे अपनी आकांक्षाओं और समस्याओं को खुलकर अभिव्यक्त कर रही हैं — चाहे वह व्यक्तिगत हो या सामाजिक।
शुक्रवार को आयोजित संवाद में महिला सहभागिता रही प्रभावशाली। इस विशेष सत्र में जीविका समूहों से जुड़ी दीदियों ने ग्राम संगठन स्तर पर स्थायी जीविका भवनों की मांग को प्रमुखता से उठाया। उनका कहना था कि कई प्रखंडों में भवन निर्माण तो हुआ है, परंतु अब यह व्यवस्था हर ग्राम संगठन के स्तर पर होनी चाहिए। इससे समूह की गतिविधियों का संचालन व्यवस्थित ढंग से किया जा सकेगा और दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिससे किराये की जगहों पर आने वाली दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी।
रोजगार को लेकर भी महिलाओं ने रखी अपनी बात अररिया सदर की पूर्णिमा देवी ने महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग की। उनका कहना था कि आज की बढ़ती महंगाई में महिलाएं भी परिवार को आर्थिक रूप से संबल देना चाहती हैं। यदि सिलाई जैसी व्यावसायिक दक्षताएं दी जाएं, तो वे आत्मनिर्भर होकर अपनी पहचान बना सकती हैं। वहीं, पारो देवी ने रोजगार के अन्य विकल्पों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया और कहा, “हम महिलाएं भी अब केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। हम भी रोज़गार करना चाहती हैं, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं। सरकार को हमारी आकांक्षाओं को गंभीरता से लेना चाहिए।”
लगातार जारी है संवाद यात्रा गौरतलब है कि यह महिला संवाद कार्यक्रम अररिया जिले में 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ है, जो अब तक लगातार जारी है। जिले भर में 18 संवाद रथ, प्रतिदिन दो पालियों में 36 अलग-अलग स्थानों पर महिला संवाद करवा रहे हैं। इस अभियान में हज़ारों महिलाएं उत्साहपूर्वक हिस्सा ले रही हैं। यह अभिनव पहल जून माह के मध्य तक जारी रहेगी और निश्चित ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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