राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की आकांक्षाओं को नीति निर्माण और योजना तैयारियों में प्रभावी रूप से शामिल करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच हुए सकारात्मक परिवर्तनों पर चर्चा करने के उद्देश्य से 18 अप्रैल 2025 से “महिला संवाद कार्यक्रम” की शुरुआत ग्राम संगठन स्तर पर की गई है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एलईडी स्क्रीन से युक्त जागरूकता वाहनों (महिला संवाद रथों) को सभी प्रखंडों में संचालित किया जा रहा है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, प्रतिदिन नौ प्रखंडों में कुल 18 संवाद रथ 36 पंचायतों तक पहुंचते हैं। वहां लघु फिल्म के माध्यम से महिलाओं को सरकारी पहलों की जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम को दो पालियों में संचालित किया जा रहा है।
फिल्म प्रदर्शन के उपरांत, उपस्थित महिलाओं से उनकी अपेक्षाओं और सुझावों के बारे में सीधा संवाद किया जाता है। महिलाओं ने विभिन्न मुद्दों को खुलकर सामने रखा।
दीदियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद अब युवा नशीली दवाओं, स्मैक जैसी खतरनाक लतों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने सरकार से नशामुक्ति के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।इसके अलावा, कई महिलाओं ने ग्रामीण इलाकों में यातायात की सीमित सुविधाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गांवों से शहर तक पहुंचने के लिए पर्याप्त बस या मिनी बस सेवाएं होनी चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में या आवश्यकता पड़ने पर लोगों को आसानी से आवागमन की सुविधा मिल सके। फिलहाल निजी वाहन या ऑटो रिक्शा के भरोसे ही रहना पड़ता है, जो कई बार मुश्किलें बढ़ा देता है।
सारस न्यूज, अररिया।
राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की आकांक्षाओं को नीति निर्माण और योजना तैयारियों में प्रभावी रूप से शामिल करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच हुए सकारात्मक परिवर्तनों पर चर्चा करने के उद्देश्य से 18 अप्रैल 2025 से “महिला संवाद कार्यक्रम” की शुरुआत ग्राम संगठन स्तर पर की गई है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एलईडी स्क्रीन से युक्त जागरूकता वाहनों (महिला संवाद रथों) को सभी प्रखंडों में संचालित किया जा रहा है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, प्रतिदिन नौ प्रखंडों में कुल 18 संवाद रथ 36 पंचायतों तक पहुंचते हैं। वहां लघु फिल्म के माध्यम से महिलाओं को सरकारी पहलों की जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम को दो पालियों में संचालित किया जा रहा है।
फिल्म प्रदर्शन के उपरांत, उपस्थित महिलाओं से उनकी अपेक्षाओं और सुझावों के बारे में सीधा संवाद किया जाता है। महिलाओं ने विभिन्न मुद्दों को खुलकर सामने रखा।
दीदियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद अब युवा नशीली दवाओं, स्मैक जैसी खतरनाक लतों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने सरकार से नशामुक्ति के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।इसके अलावा, कई महिलाओं ने ग्रामीण इलाकों में यातायात की सीमित सुविधाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गांवों से शहर तक पहुंचने के लिए पर्याप्त बस या मिनी बस सेवाएं होनी चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में या आवश्यकता पड़ने पर लोगों को आसानी से आवागमन की सुविधा मिल सके। फिलहाल निजी वाहन या ऑटो रिक्शा के भरोसे ही रहना पड़ता है, जो कई बार मुश्किलें बढ़ा देता है।
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