सारस न्यूज, अररिया।
जिले में 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ महिला संवाद अभियान लगातार प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ रहा है। प्रत्येक दिन संवाद रथ जिले के सभी प्रखंडों में दो पालियों में भ्रमण कर रहा है, और रोजाना 36 स्थानों पर महिला संवाद आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी जा रही है, जो इसे एक सामाजिक जागरूकता अभियान का रूप दे रही है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि महिलाओं को जागरूक और सशक्त बनाना है। संवाद के ज़रिए सरकारी योजनाओं की जानकारी सीधे गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाई जा रही है। महिलाएं अब न केवल योजनाओं के बारे में जान रही हैं, बल्कि यह भी सीख रही हैं कि उनका लाभ कैसे उठाया जा सकता है। इस कार्यक्रम के ज़रिए उनमें आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ रही है।
40वें दिन तक महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन जिले के सभी प्रखंडों में कुल 36 जगहों पर किया गया, जिसमें लगभग 7165 महिलाओं ने भाग लिया। अब तक कुल 1422 जगहों पर यह आयोजन हो चुका है और लगभग 2,84,365 महिलाएं इसमें शामिल हो चुकी हैं, जो इस कार्यक्रम की सफलता और पहुंच का प्रमाण है।
कार्यक्रम के दौरान एलईडी वैन के माध्यम से तीन प्रमुख वीडियो प्रस्तुत किए जाते हैं —
- महिला सशक्तिकरण पर आधारित वीडियो (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा)
- जीविका समूहों की सफलता की कहानियां (ग्रामीण विकास विभाग द्वारा)
- मुख्यमंत्री महोदय के नेतृत्व में बिहार की विकास यात्रा
साथ ही, रंगीन लीफलेट्स के माध्यम से भी योजनाओं की विस्तृत जानकारी महिलाओं तक पहुंचाई जाती है, ताकि वे योजनाओं के प्रति सजग और लाभान्वित हो सकें।
इस संवाद कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि इसमें महिलाओं को खुलकर अपनी बात कहने और अपनी आकांक्षाएं व्यक्त करने का अवसर मिलता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बाढ़ राहत, परिवहन, पेयजल और विद्युत व्यवस्था जैसे विषयों पर महिलाएं खुलकर अपनी राय रख रही हैं। कई महिलाएं राशन कार्ड में नाम जोड़ने, आवास की मांग जैसी समस्याएं भी सामने ला रही हैं। इन सभी सुझावों और मांगों को मोबाइल ऐप में दर्ज किया जाता है, जिसे संबंधित पदाधिकारी समीक्षा कर उचित समाधान प्रदान करते हैं।
इस प्रकार महिला संवाद न केवल एक जागरूकता अभियान है, बल्कि यह सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का सशक्त माध्यम बन चुका है। इससे महिलाओं की भागीदारी और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है, जिससे कार्यक्रम की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है।