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29 जून को पटना में आयोजित होने वाले “वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ कॉन्फ्रेंस” की सफलता को लेकर बैठक आयोजित।

सारस न्यूज, अररिया।


वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और संविधान की रक्षा को लेकर आगामी 29 जून, रविवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाली “वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ कॉन्फ्रेंस” की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थानीय मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन, फारबिसगंज में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। इसमें क्षेत्र के कई उलेमा, समाजसेवी और जागरूक नागरिक शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता इमारत-ए-शरीया बिहार, झारखंड व उड़ीसा के नायब नाज़िम मौलाना सोहराब नदवी ने की। इस मौके पर मौलाना सोहराब नदवी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून पर तत्काल रोक लगा रखी है, फिर भी सरकार ने मुसलमानों को आदेश दिया है कि वक्फ की जमीनों का रजिस्ट्रेशन छह महीने के भीतर कराएं, जो सीधा-सीधा संवैधानिक व्यवस्था और न्यायपालिका की अवहेलना है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाकर मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक पहचान को मिटाने की कोशिश कर रही है। ऐसे समय में समाज का जागरूक और एकजुट होना बेहद जरूरी है। 29 जून को गांधी मैदान में ऐतिहासिक जुटान की तैयारी हो रही है। बैठक में बताया गया कि 29 जून को पटना में होने वाली वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी साहब करेंगे। इस कार्यक्रम में देश भर के जाने-माने इस्लामी विद्वान और उलेमा शामिल होंगे।

बैठक में यह भी तय किया गया कि सीमांचल क्षेत्र से अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यह कॉन्फ्रेंस सरकार को एक मजबूत जनसंख्या का संदेश दे सके कि मुस्लिम समाज अपने वक्फ और संविधान की रक्षा के लिए पूरी तरह एकजुट है। बैठक का समापन दुआ के साथ किया गया, जिसमें देश में अमन, इंसाफ और वक्फ की हिफाज़त के लिए अल्लाह से रहमत की दुआ की गई। इस मौके पर हज़रत मौलाना मुफ्ती रशीद साहब, मौलाना जब्बार साहब, काजी असद कासमी, मौलाना फारूक साहब, बड़ी जामे मस्जिद के इमाम मौलाना नेमतुल्लाह रहमानी साहब, मटियारी के इमाम मौलाना अबुनसर कासमी, हाफिजी नौशाद, इरफान शेखरा, मौलाना आस मोहम्मद मजाहिरी, मौलाना वासिल, हाफिज जमशेद, मौलाना दिलशाद साहब सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।


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