सारस न्यूज, अररिया।
महिला संवाद महिलाओं की जागरूकता का एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। इससे महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार देखा जा रहा है। यही वजह है कि महिला संवाद को महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन माध्यम बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली महिलाएं अपनी बातों को काफी सशक्त तरीके से रख रही हैं।
महिला संवाद के 33वें दिन मंगलवार को भी अररिया जिले में 36 स्थानों पर महिला संवाद का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें 7200 से अधिक महिलाएं शामिल हुईं। इसमें महिलाओं ने अपनी आकांक्षाओं को काफी दृढ़ता से रखा। कुछ महिलाओं ने अपने वार्ड में नल-जल से पानी नियमित रूप से नहीं आने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि पानी की नियमित सप्लाई होनी चाहिए।
इसके साथ ही कुछ महिलाओं ने नल से फिजूल पानी बहने की भी बात कही। उनका कहना है कि सही रख-रखाव के अभाव के कारण कई जगह पानी सप्लाई होने पर नल से व्यर्थ ही पानी बहता रहता है, जिसमें नल की टोटी लगाने या उसकी मरम्मत की जरूरत होती है। लेकिन, ऐसा नहीं होने से बहुत सारा पानी बर्बाद हो जाता है। इस ओर भी संबंधित अधिकारी को ध्यान देने की जरूरत है।
इसके अलावा कुछ महिलाओं ने विवाह भवन या सामुदायिक भवन की मांग की। उनका कहना है कि शादी-ब्याह, मुंडन आदि में अधिक लोगों के शामिल होने पर उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए सामुदायिक भवन का होना बहुत जरूरी है, ताकि ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को भी इन मौकों पर परेशानी न उठानी पड़े।
बता दें कि महिला संवाद 18 अप्रैल 2025 से जारी है, जिसमें संवाद रथ में लगे एलईडी के माध्यम से तीन लघु फिल्में दिखाई जाती हैं। इनमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से महिला सशक्तिकरण पर, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जीविका की सफलता की कहानियों का प्रदर्शन तथा तीसरा वीडियो माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नेतृत्व में बिहार की विकास यात्रा से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा वहां सरकारी योजनाओं की जानकारियों से युक्त लीफलेट भी बांटे जाते हैं, जिसका व्यापक असर हो रहा है। लोगों तक जानकारी पहुंच रही है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है।